शिकायत
बड़ी बड़ी दावतों में जाना
और जम कर पीना,खाना
तरह तरह के पकवानों का,
लेते लेते स्वाद
आदमी इतना डट कर खा लेता है,
कि खाने पीने के बाद
डकारें लेता है,पेट सहलाता है
घर आते ही बिस्तर पर,
गिरता ,सो जाता है
ये सच है,दावत खाने के बाद,
आदमी किसी भी काम का नहीं रह जाता है
मदन मोहन बहेती'घोटू'
ॐ
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ॐजो आकाश है वही सूरज बन गया है जो सूरज है वही धरा बना जो धरा है वही चाँद और
सभी निरंतर होना चाहते हैं वह, जो थे जाना चाहते हैं वहाँ जहाँ से आये थे
!आदमी मे...
2 दिन पहले