सूरज की तपिश,चाद की शीतलता
चॉद की चादनी में निखरता चेहरा
दिन के उजाले में उभरी प्रतिभा की बाते
की बात करता एक कवि है
शब्दो केा मालो में पिरोता कवि
फिॅर भी गुमनामी की जिन्दगी जीता कवि है
गुमसुम उदास आखेा में हसीन सपने दिखाता कवि है
फिर भी गुमनामी की जिंन्दगी जीता कवि है...
रोते हुए चेहरे को हसाता एक कवि है
जिन्दगी से हारे हुए को हौसला देता कवि है
फिर भी गुमनामी की जिंन्दगी जीता एक कवि है
प्रेम की परिभाषा बताता कवि है
दिल का दर्द दिल की बाते बताता एक कवि है
हर शख्स को आइना दिखता है एक कवि है
फिर गुमनामी की जिंन्दगी जीता एक कवि है
चंद सिक्को का भूखा नहीं है कवि अखंड
सम्मान का मोहताज नहीं है कवि
कवि तो बस भूखा है दशाहीन ,दिशाहीन समाज को
दशा और दिशा देने का,भटकते समाज केा सुधारने का
अखंड को हसाने का दुख और भागमभाग के दौर में
दो पल आपको सूकून के देना का
यह सब केवल सोचता एक कवि है मगर आज भी
गुमनामी की जिन्दगी जीता एक ''''''''''''''''
चॉद की चादनी में निखरता चेहरा
दिन के उजाले में उभरी प्रतिभा की बाते
की बात करता एक कवि है
शब्दो केा मालो में पिरोता कवि
फिॅर भी गुमनामी की जिन्दगी जीता कवि है
गुमसुम उदास आखेा में हसीन सपने दिखाता कवि है
भागभाग की जिन्दगी में सकून के पल देता कवि है
फिर भी गुमनामी की जिंन्दगी जीता कवि है...
रोते हुए चेहरे को हसाता एक कवि है
जिन्दगी से हारे हुए को हौसला देता कवि है
फिर भी गुमनामी की जिंन्दगी जीता एक कवि है
प्रेम की परिभाषा बताता कवि है
दिल का दर्द दिल की बाते बताता एक कवि है
हर शख्स को आइना दिखता है एक कवि है
फिर गुमनामी की जिंन्दगी जीता एक कवि है
चंद सिक्को का भूखा नहीं है कवि अखंड
सम्मान का मोहताज नहीं है कवि
कवि तो बस भूखा है दशाहीन ,दिशाहीन समाज को
दशा और दिशा देने का,भटकते समाज केा सुधारने का
अखंड को हसाने का दुख और भागमभाग के दौर में
दो पल आपको सूकून के देना का
यह सब केवल सोचता एक कवि है मगर आज भी
गुमनामी की जिन्दगी जीता एक ''''''''''''''''