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शनिवार, 17 सितंबर 2011

जेबकतरी सरकार



बढ़ती कीमत देख के मच गया हाहाकार,
जनता की जेबें काटे ये जेबकतरी सरकार |

मोटरसाईकिल को सँभालना हो गया अब दुश्वार
कीमतें पेट्रोल की चली आसमान के पार |

बीस कमाके खरच पचासा होने के आसार,
महँगाई करती जाती है यहाँ वार पे वार |

त्राहिमाम कर जनता रोती दिल में जले अंगार,
सपने देखे बंद होने के महँगाई के द्वार |

महंगाई के रोध में सब मांगेंगे अधिकार,
दो-चार दिन चीख के मानेंगे फिर हार |

तेल पिलाये पानी अब कुछ कहना निराधार,
मन मसोस के रह जाना ही शायद जीवन सार |

लुटे हुए से लोग और धुँधला दिखता ये संसार,
त्योहारों के मौसम में अब मिले हैं ये उपहार |

देख न पाती दु:ख जनता के उल्टे देती मार,
जेबकतरी सरकार है ये तो जेबकतरी सरकार |

गुरुवार, 1 सितंबर 2011

अतीत का दस्तावेज

अलमारी के
कोने में पडा
वक़्त की मार से
पीला पड़ गया ख़त
रद्दी का टुकडा नहीं 
अतीत का दस्तावेज है 
मेरे दोस्त की
दोस्ती का सबूत है 
उसकी भावनाओं का
प्रतीक है 
मेरे लिए खुशनुमा
माहौल में
लौटने का रास्ता है
उस ख़त को पढ़ना
जाने वाले को
श्रदांजली देने का
खूबसूरत ढंग  है
निरंतर
मन मष्तिष्क में
मंद पड़ गए
संबंधों की गर्माहट
महसूस करने की
अद्भुत विधि  है
अतीत को वर्तमान में
देखने का सुन्दर
तरीका है
01-09-2011
1426-01-09-11

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