दिव्य प्रेम
१
दिव्यन और अनुष्का ,रहे प्रेम रस भीज
दिव्य अणु है प्रेम का, इन दोनों के बीच
इन दोनों के बीच , बंधा है बंधन ऐसा
गहरा प्यार ,मिलन स्थल सागर के जैसा
देते आशीर्वाद तुम्हें है घोटू दादा
सदा करें ये प्यार, एक दूजे से ज्यादा
२
इनका जीवन हमेशा, रहे सुखी संपन्न
एक दूजे के साथ ये, हरदम रहे प्रसन्न
हरदम रहे प्रसन्न , प्रार्थना यह ईश्वर से
इनके जीवन में खुशियां ही खुशियां बरसे
चहुमुखी करें विकास,हृदय से हम सब चाहे
सोने की सीढ़ी, दादा घोटू चढ़ जायें
मदन मोहन बाहेती घोटू
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