1325-बच्चे और पौधे
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*रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’*
लहलहाते रहेंगे
आँगन की क्यारियों में
हिलाकर नन्हे-नन्हे पात
सुबह शाम करेंगे बात
प्यारे पौधे।
पास आने पर
दिखलाकर पँख...
ऐसे सहेजें बारिश का पानी
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बाइस साल पहले मैंने जब इस नई बनी कालोनी में मकान बनाया था मेरे बगल के दो
प्लाट खाली थे। बारिश में मैंने देखा कि इन प्लाट पर आने वाला बारिश का पानी
तीन-च...
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मोदी ही मोदी
1
न रुदबा बचा है , न कुर्सी ,कमीशन,
परेशान है सारे नेता विरोधी
सत्ता में आया है जब से ये मोदी,
उसने तो उनकी है लुटिया डुबो दी
पड़े लाले,...
नयनों में नित नव साध रहे
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नयनों में नित नव साध रहेमृदु छंद बहा, मकरंद बहा जब वे अनजाने हाथ गहे,जीवन
में शुभ सन्तोष जगा नयनों में नित नव साध रहे !लय, ताल, सुगम सध जाते सुर जब
अनदेखे ...
तृप्ति की क्वालिटी -
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पहले एक पहेली बूझिये फिर आगे की बात -
'कोठे से उतरीं, बरोठे में फूली खड़ीं.'
इन फूलनेवाली महोदया का तो कहना ही क्या!(इन पर एक पूरा पैराग्राफ़ लिखना अभ...
"कविता का आधार" (चर्चा अंक-4666)
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*मित्रों!*
*मई के अन्तिम रविवार की चर्चा में *
*आपका स्वागत है।*
*--*
*दोहे **"सूरज से हैं धूप" **(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') *
*होते गीत-अगीत हैं,...
मेष राशि का भविष्य 2023
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*मेष राशि का भविष्य 2023*
इस वर्ष २०२३ में शनि की स्थिति कुम्भ राशि में शुरू हुई है, स्वक्षेत्री राशि
में होने के कारण या मेष राशिवालों को शुभ प्रभाव देग...
सूरजमुखी के तोते
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वैसे तो अमेरिका का देशज फूल है सूर्यमुखी का फूल लेकिन अब बहुत से देशों में
पाया जाता है। अपने नाम को सार्थक करता हुआ यह हमेशा सूरज की ओर झुका-झुका,
सूरज ...
डॉल्बी एटमॉस सुना क्या?
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*आ*पने बहुत जगह डॉल्बी एटमॉस का नाम सुना होगा. आम लोगों के मन में पहली बार
यह शब्द तब अधिक दिलचस्पी जगा गया जब इस साल आईपीएल के लाइव टीवी स्ट्रीमिंग
के...
पुस्तक - परिचय " पाँव के पंख " ( शिखा वार्ष्णेय )
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शिखा वार्ष्णेय द्वारा लिखी पुस्तक " पाँव के पंख " मिलते ही सबसे पहले उसकी
फोटो खींच कर शिखा को भेजी कि तुम्हारे पाँव के पंख मेरे पास पहुँच चुके हैं । ...
अनायास -
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*
नयन अनायास भर आते हैं कभी,
यों ही बैठे बैठे!
नहीं ,
कोई दुख नहीं ,
कोई हताशा नहीं ,
शिकायत भी किसी से नहीं कोई.
क्रोध ? उसका सवाल ही नहीं उठता ...
एक औरत बदहवास सी
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एक औरत बदहवास सी
सड़कों पर रोती डोल रही है
जाने किस गम की परछाईं से जूझ रही है
पूछने पर केवल इतना कहती है
जाने किस जन्म की उधारियाँ हैं
चुकती ही नहीं
ऐसा...
बेटियाँ तो वो भी हैं ....
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वो जो जहाजों में उड़ती हैं जंगों में भिड़ती हैं साहस के कीर्तिमान बनाकर हर
मैदान को जीतती हैं ...आज बैठी हैं पालथी मारकर अवशेष लोकतंत्र की देहरी
पर, सिर्फ इस...
मशीनी युग और मानसिक शांति
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*मशीनी युग और मानसिक शांति *
आधुनिक युग में मशीनों के बिना जहां जीवन की कल्पना भी नहीं कि जा सकती, वहाँ
मानसिक शांति की बात करना शायद एक ना समझी ही सा...
अकती पूजन कैसे जाऊँ री, बरा तरें ठाडे लिवौआ...
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हिंदू धर्म में प्रकृति के सभी तत्वों की पूजा, प्रार्थना का प्रचलन और महत्व
है, क्योंकि हिंदू धर्म मानता हैं कि प्रकृति से ही हमारा जीवन संचालित होता
है। ...
हमख्याल
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हमखायाल कौन होता है. वह जिससें हमारी सोच हमारे ख्याल मिलते हैं वह जिससें
हम दिल खोलकर बात कर सकते हैं. वह जिससे कोई पर्दादारी नहीं होती. अक्सर मन की
परत...
Lawyer - Advocate (Difference)
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Lawyer और एडवोकेट या अधिवक्ता या अभिभाषक या वकील को आम जनता एक ही समझती है
किन्तु सत्य कुछ अलग है -
Lawyer और एडवोकेट दोनों को ही कानून की जान...
डॉक्टर बहना
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आलोकिता मेरी छोटी बहन के साथ पढ़ती थी।खूब ज्ञानी और पढ़ने में अव्वल आलोकिता
का एक ही लक्ष्य था डॉक्टर बनना तब उसकी एक और बहन अनामिका उससे एक वर्ष आगे
थी, प...
कटुक वचन मत बोल
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कड़वाहट का बीज जो बोते चलते हैं ।
जब पौधे में फल आता है ,
फल को खाकर, मुंह बिचकाकर;
थू थू करते फिरते हैं।
कड़वाहट का बीज जो बोते चलते हैं ।
Measuring Astronomical distances in Space
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क्या आप जानते हैं कि दूरी कैसे मापी जाती है? बिल्कुल!!! हम सब जानते हैं, है
ना?मान लीजिए कि मैं एक नोटबुक को मापना चाहती हूं, मैं एक पैमाना/रूलर लूंगी,
एक ...
भकूट - कूट-कूट कर भरा हुआ प्रेम..
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सबको भकूट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आप सब भी हैरान हो रहे होंगे कि आज तो
वैलेंटाइन डे है, हैप्पी वैलेंटाइन डे बोलना होता है, यह भकूट दिवस क्या और
कैसा। त...
हमारी पीढ़ी बहुत एक्सप्रेसिव नहीं है
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* हम फ़िफ़्टीज़ ,सिक्स्टीज ,सेवेंटीज के लोग *
*हमारी पीढ़ी बहुत एक्सप्रेसिव नहीं है *
*हम वाओ ,मार्वलस कह कर एक्सक्लेमेशन मार्क्स वाले रिएक्शन नहीं देते ...
जब हम सीख लेते हैं
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निभ जाते हैं रिश्ते
जब हम सीख लेते हैं
दोषों को नजरअंदाज़ करना
जी लेते हैं तमाम उम्र
जब हम सीख लेते हैं
बेवज़ह ही मरना
मिलती है सफलता
जब हम सीख ल...
....... आखिर लिखना ही पड़ा ✍️
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*....... आखिर लिखना ही पड़ा ✍️ *
*प्रवीण त्रिवेदी*
आज एक शिक्षक whatsapp समूह में यह वीडियो देखने को मिला और इस वीडियो पर आई
सभी प्रतिक्रियाएं 👏 जैसी ...
इल्लियाँ और तितलियाँ
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बेचैन हैं कुछ इल्लियाँ
तितलियाँ बन जाने को
कर रही हैं पुरज़ोर कोशिश
निकलने की
कैद से अपने कोकून की।
वे काट कर चोटियाँ,
लहरा रही हैं ,
आज़ादी का परचम।
गोलियाँ ...
संवाद
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एकांत में संवाद
*************
उदास काले फूलों वाली रात
उतरी पहाड़ो की देह पर
जैसी सरकती हैं जमी पर असंख्य लाल चीटियां
झूठी हँसी लिए स्नोड्राप बह रहे हैं
एक ब...
मँहगाई को भी पचा लेंगे
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आजकल सुबह आँख खुलने से लेकर देर आँख बंद होने तक चारों तरफ हाय-हाय सुनाई
देती है. आपको भी सुनाई देती होगी ये हाय-हाय? अब आपको लगेगा कि आखिर ये
हाय-हाय है ...
कुछ तो
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*कुछ तो *
सोचती हूं
खोल दूं बचपन की कॉपियां और निकाल दूं
सब कुछ जो छुपाती रही
समय और समय की नजाकत के डर से
निकालूँ वह इंद्रधनुष और निहारूं उसे
ज...
ज़िन्दगी पुरशबाब होती है
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क्या कहूँ क्या जनाब होती है
जब भी वो मह्वेख़्वाब होती है
शाम सुह्बत में उसकी जैसी भी हो
वो मगर लाजवाब होती है
उम्र की बात करने वालों सुनो
ज़िन्दगी पुरशबाब ह...
मन के घेरे ( कहानी )
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- *रश्मि शर्मा *
उनकी आँखेँ पहले मिचमिचाई और फिर मुँद-सी गईं। ऐसा सोचते या कहते हुए वह एक
खास तरह के सुख से भर उठी थी, ऐसा सुख जिसका शब्दों में ठी...
Boond
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Samay ki dhara bahati hai
Nirantar abadhit.
Main to usability ek choosing boond
Jo ho jayegi jalashay men samarpit.
Ya dhara me awashoshit.
N...
जाले: घोड़ा उड़ सकता है
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जाले: घोड़ा उड़ सकता है: घोड़ा उड़ सकता है. पिछली शताब्दी के दूसरे दशक में जब
मुम्बई-दिल्ली रेल लाइन की सर्वे हो रही थी तो एक अंग्रेज इंजीनियर ने कोटा व
सवाई...
नाच नचावे मुरली
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क्या-क्या नाच नचावे मुरली,
जहां कहीं बज जावे मुरली।
मीठी तान सुनावे मुरली,
हर मन को हर्षावे मुरली ,
जिसने भी सुनली ये तान,
नहीं रहे उसमें अभिमान।
मुरली तेर...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
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*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२५)
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* ये जीवन कढ़ाई में उबलती घनी मलाई की तरह
है जिसमें हमारे सदगुण व अवगुण ( विकार, विचार, अच्छाई, बुराई, मोह, तृष्णा,
वि...
किताबों की दुनिया - 257
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तू वही नींद जो पूरी न हुई हो शब-भर
मैं वही ख़्वाब कि जो ठीक से टूटा भी न हो
*
मेरी आंखे न देखो तुमको नींद आए तो सो जाओ
ये हंगामा तो इन आँखों में शब भर होने...
आजमाइश
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आजमाना न था साथी
जीवन की आजमाइश में
जिंदगी को तौलता तराजू
सूरज बना,
तुम कंधे पर बैठ उसके
थामनें लगे दुनिया
पकड़ने लगे पीलापन
मुट्ठी बंद करते ही
अंधेरा हो ...
Tara Tarini Maha Shaktipeeth.
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*Tara Tarini Maha Shaktipeeth*
*गंजम जिले में पुरुषोत्तमपुर के पास रुशिकुल्या नदी के तट पर कुमारी
पहाड़ियों पर तारा-तारिणी ओडिशा के सबसे प्राचीन शक्तिपीठों...
मशहूर कथाएं : काव्यानुवाद
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*दो बैलों की कथा :मुंशी प्रेमचंद)*
(1)
बछिया के ताऊ कहो, कहो गधा या बैल।
हीरा मोती मे मगर, नहीं जरा भी मैल।
नही जरा भी मैल, दोस्ती बैहद पक्की।
मालिक झूरी म...
अकेले पड़ रहे कितने बंटी
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हाल ही में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया |
उन्हें याद करते हुए उनके प्रशंसकों ने उनकी चर्चित कृति 'आपका बंटी' का सबसे
ज्...
अनूठा रहस्य प्रकृति का...
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रात भर जागकर हरसिंगार वृक्ष
उसकी सख्त डालियों से लगे
नरम नाजुक पुष्पों की करता रखवाली
कि
नरम नाजुक से पुष्प
सहला देते सख्त वृक्ष के भीतर
सुकोमल...
उद्विग्नता
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जीवन की उष्णता
अभी ठहरी है ,
उद्विग्न है मन
लेकिन आशा भी
नहीं कर पा रही
इस मौन के
वृत्त में प्रवेश
बस एक उच्छवास ले
ताकते हैं बीता कल ,
निर्निमे...
कोई कवि नहीं था,रावण के राज्य में
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कोई कवि नहीं था रावण के राज्य में भाषा थी सिर्फ़ लंकाईजो रावण और उसके
क़रीबी दैत्य बोलते थेराम !तुम्हारे नहीं रहने के बाद भीतुम हो सर्वत्र,तो
इसलिए भीतुम ...
क्षणिका
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हां
सच है
देहरी पार की मैंने
वर्जनाओं की
रुढ़िवाद की
पाखंड की
कुंठा की ....
ओह
सभ्य समाज ....!
तुम्हारी ओर से
सिर्फ घृणा .?
कहो
इतने नाजुक कब से हो लि...
महिला दिवस - विशेष
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मैंने माँ से पहचाना
एक स्त्री होना
कितना दुसाध्य है
कोई देवता हो जाने से
पहचाना
अपनी बहिनों से
कैसे वो जोड़े रखती हैं
एक घर को दूसरे से
सीख पाया
अपनी बेटियो...
चुप गली और घुप खिडकी
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एक गली थी चुप-चुप सी
इक खिड़की थी घुप्पी-घुप्पी
इक रोज़ गली को रोक ज़रा
घुप खिड़की से आवाज़ उठी
चलती-चलती थम सी गयी
वो दूर तलक वो देर तलक
पग-पग घायल डग भर प...
Pooja (laghukatha)
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पूजा
" सुनिये ! ", पत्नी ने पति से कहा
" जी कहिये", पति ने पत्नी की तरह जवाब दिया तो पत्नी चिढ़ गयी. पति को समझ आ
गया और पत्नि से पूछा कि क्या बात है...
लाॅकडाउन 2
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मोदी जी....सुनो:-
धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार
सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार
कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा
लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा
दाढ़ी भी ...
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कोरोना को दूर भगाना है
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ख़ुशियों का संसार बसाना है
कोरोना को दूर भगाना है ।
आयी है सर पर विपदा भारी
दहशत में है यह दुनि...
Gatyatmak Jyotish app
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विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो
गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य
सेतु ...
2019 का वार्षिक अवलोकन (अट्ठाईसवां)
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खत्म होनेवाला है हमारा इस साल का सफ़र। 2020 अपनी गुनगुनी,कुनकुनी आहटों के
साथ खड़ा है दो दिन के अंतराल पर।
चलिए इस वर्ष को विदा देते हुए कुछ बातें कहती...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
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वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
गुड्डू आओ ... गोलगप्पे खाएँ ....
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गुड्डू आओ ... चलें ..
गोलगप्पे खाएँ
कुछ खट्टे-मीठे .. तो कुछ चटपटे-चटपटे खाएँ
चलो .. चलें ...
अपने उसी ठेले पे .. स्कूल के पास ...
आज .. जी भर के ... मन भ...
cara mengobati herpes di kelamin
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*cara mengobati herpes di kelamin* - Penyakit herpes genital baik pada pria
maupun pada wanita kerap menjadi permasalahan tersendiri, karena resiko
yang le...
आइने की फितरत से नफरत करके क्या होगा
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आईने की फितरत से नफरत करके क्या होगा
किरदार गर नहीं बदलोगे किस्सा कैसे नया होगा
हर बार आईना देखोगे धब्बा वही लगा होगा
आईने लाख बदलो सच बदल नहीं सकते
जो...
शर्मसार होती इंसानियत..
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*इंसानियत का गिरता ग्राफ ...*
आज का दिन वाकई एक काले दिन के रूप में याद किया जाना था. सबेरे जब समाचार
पत्रों में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस समाचा...
कूड़ाघर
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गैया जातीं कूड़ाघर
रोटी खातीं हैं घर-घर
बीच रास्ते सुस्तातीं
नहीं किसी की रहे खबर।
यही हाल है नगर-नगर
कुत्तों की भी यही डगर
बोरा लादे कुछ बच्चे
बू का जिनपर...
एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता
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घर परिवार अब कहाँ रह गए है ,
अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी
रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है
अब तो सिर्फ \बस सिर्फ नाम बचे है बाकी
तीज त्योहार कहाँ ...
लिखते रहना ज़रूरी है !
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पिछले कई महीनों में जीवन के ना जाने कितने समीकरण बदल गए हैं - मेरा पता,
पहचान, सम्बन्ध, समबन्धी, शौक, आदतें, पसंद-नापसंद और मैं खुद | बहुत कुछ नया
है लेकिन...
इन आँखों में बारिश कौन भरता है ..
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बेतरतीब मैं
(३१.८.१७ )
`
कुछ पंक्तियाँ उधार है मौसम की मुझपर , इस बरस पहले तो बरखा बरसी नहीं ,अब
बरसी है तो बरस रही ,शायद ये पहली बारिशों का मौसम...
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3
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पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने
के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए
लाभदा...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
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*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भ...
जिन्द्गी
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जिन्दगी
कल खो दिया आज के लिए
आज खो दिया कल के लिए
कभी जी ना सके हम आज के लिए
बीत रही है जिन्दगी
कल आज और कल के लिए.
दोस्तों आज मेरा जन्म दिन भ...
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
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*हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगेहाँ ! चाँद को सिक्का बना दुनिया
खरीद लेंगे*
जो रात होगी तो जमी से चाँदी बटोर लेंगे
चाँदी की फिर पायल बना लम्हों ...
Demonetization and Mobile Banking
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*स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...*
प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें
कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...
गीत अंतरात्मा के: आशा
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गीत अंतरात्मा के: आशा: मैं एक आशा हूँ मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं
होता मैं बनी रहती हूँ हर एक मन में ताकि हर मन जीवित रह सके मुझे खुद को
बचाए ही र...
पानी की बूँदें
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पानी की बूँदे भी,
मशहूर हो गई ।
कल तक जो यूँही,
बहती थी बेमतलब,
महत्वहीन सी यहाँ वहाँ,
फेंकी थी जाती,
समझते थे सब जिसके,
मामूली सी ही बूँदें,
आज वो पहुँच स...
खोया बच्चा.....
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आज एक हास्य कविता
एक बच्चा रो रहा था , मेले में अनाउंसमेंट हो रहा था ,
जल्दी आएं जिन का बच्चा हो ले जाएँ |
तभी सौ से ज्यादा लोग वहां आते है
जल्दी से बच...
सृजन
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सृजन
जो मचलता है
स्फ़ुटन के लिए
भीतर ही भीतर।
डालियों में होती है बेचैनी
शायद चीर कर टहनियों के बाजुओं को
कोई निकालना चाहता है बाहर
एक नए सृजन के लिए।
...
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हनुमंथप्पा देश तुम्हें, करता है प्रणाम ।
जीत हिम को मौत से हारे, ले लो आखरी सलाम ।।
ले लो आखरी सलाम, देशहित जान गँवाई ।
प्रकृति की मार झेल भी, करते रहे अगुव...
स्वागतम्
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मित्रों,
सभी को अभिवादन !!
बहुत दिनों के बाद कोई पोस्ट लिख रहा हूँ |
इतने दिनों ब्लॉगिंग से बिलकुल दूर ही रहा | बहुत से मित्रों ने इस बीच कई
ब्लॉग के लि...
विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग
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*विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग*
हममें से अधिकांश लोगों को टंकण करना काफी श्रमसाध्य एवं उबाऊ कार्य लगता है
और हम सभी यह सेाचते हैं कि व्यक...
Happy Teacher's Day - “गुरु का हाथ”
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*पिसते… घिसते… तराशे जाते…*
*गिरते… छिलते… लताडे जाते…*
*मांगते… चाहते… ठुकराए जाते…*
*गुजर जाते हैं चौबीस या इससे ज्यादा साल…*
*लगे बचपन से… बहुत लोग फरिश...
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*जरा अपनी पॉलटिक्स तो बताओ राहुल!*
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राहुल गांधी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक पूरी बीट हैं जि...
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बिखरती ही रही
कभी सिमटी ही नही ।
वफ़ा के साये में
बेवफाई पलटी रही ।
बातों किस्सों में
उलझकर रह गई ...
जमाना खामोश रहा
किसी की एक न चली ।
धुवाँ बनकर उड़ती रह...
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ख्वाबों की ताबीर
सुना है उसके शहर की ...
बात बड़ी निराली है ,
सुना है ढलते सूरज ने ...
कई दास्ताँ कह डाली है ,
सुना है जुगनुओं ने ...
कई बारात निकाली है ,
स...
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
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वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
ज़िन्दगी का गणित
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कोण नज़रों का मेरे सदा सम रहा
न्यून तो किसी को अधिक वो लगा
घात की घात क्या जान पाये नहीं
हम महत्तम हुए न लघुत्तम कहीं
रेखा हाथों की मेरे कुछ अधिक वक्र ...
आहटें .....
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*आज भोर *
*कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,*
*पूरब से उस लाल माणिक का *
*धीरे धीरे निकलना था *
*या *
*तुम्हारी आहटें थी ,*
*कह नहीं सकती -*
*दोनों ही तो एक से...
झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद"
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झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित
मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का.
सन पैंतीस नवंबर उ...
हम,तुम और गुलाब
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आज फिर
तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई
और इस बार कारण बना
वह गुलाब का फूल
जिसे मैंने
दवा कर
किताबों के दो पन्नों के
भूल गया गया था
और उसकी हर पंखुड़िय...
गाँव का दर्द
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गांव हुए हैं अब खंढहर से,
लगते है भूल-भुलैया से।
किसको अपना दर्द सुनाएँ,
प्यासे मोर पप्या ?
आंखो की नज़रों की सीमा तक,
शहरों का ही मायाजाल है,
न कहीं खे...
संघर्ष विराम का उल्लंघन
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जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से
भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले
के का...
प्रतिभा बनाम शोहरत
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“ हम होंगें कामयाब,हम होंगें कामयाब,एक दिन ......माँ द्वारा गाये जा रहे इस
मधुर गीत से मेरे अन्तःकरण में नए उत्साह का स्पंदन हो रहा था .माँ मेरे माथे
को ...
आवरण
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जानती हूँ
तुम्हारा दर्प
तुम्हारे भीतर छुपा है.
उस पर मैं
परत-दर-परत
चढाती रही हूँ
प्रेम के आवरण
जिन्हें ओढकर
तुम प्रेम से भरे
सभ्य और सौम्य हो जाते हो
जब ...
OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान
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उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश
*http://shabdvyuh.com/*
ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद
वीर छंद या आल्हा छंद
'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...
इंतज़ार ..
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सुरसा की बहन है
इंतज़ार ...
यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है
जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं ..
कहते हैं ..
इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं
ख़त्म भी...
यार की आँखों में.......
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मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ
उन्हे दिखाई नही देता।
मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ
उन्हें तारा नही दिखता।
या खुदा!
कहीं मेरे यार की आँखों में
मोतियाबिंद...
आज का चिंतन
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अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता
हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस
अंधकारमयी...
क्राँति का आवाहन
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न लिखो कामिनी कवितायें, न प्रेयसि का श्रृंगार मित्र।
कुछ दिन तो प्यार यार भूलो, अब लिखो देश से प्यार मित्र।
………
अब बातें हो तूफानों की, उम्मीद करें परिवर्तन ...
कल रात तुम्हारी याद
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कल रात तुम्हारी याद को हम
चाह के भी सुला न पाये
रात के पहले पहर ही
सुधि तुम्हारी घिर कर आई
अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ
पास जैसे तुम हो खड़े
व्याकुल हुआ कुछ मन...
HAPPY NEW YEAR 2012
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*2012*
*नव वर्ष की शुभकामना सहित:-*
*हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।*
*पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।*
*हर जोखिम से ...
अपनी भाषाएँ
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*जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग
अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही
तर्क...
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दिल को आदत सी हो गयी है चोट खाने की
तुमसे दर्द पाकर भी मुस्कुराने की ....
ये जानते हुए की तुम आओगे नहीं कभी
फिर भी न जाने क्यूँ आस लगी है तुम्हारे आन...
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"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।