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बुधवार, 12 अप्रैल 2023

सीख ले अब तू ढंग से सोना 

भाग दौड़ में जीवन उलझा, लगा कमाने में तू पैसा 
रत्ती भर भी चैन नहीं है रहता है बेचैन हमेशा 
ढंग से अपने मनमाफिक तू, दो रोटी भी ना खा पाता 
सारा दिन भर किसके खातिर ,मेहनत करता और कमाता 
तुझे रात भर, नींद ना आती, सोता करवट बदल बदल कर
बहुत हुआ माया का चक्कर ,अब तो बस कर अब तो बस कर 
चिंताओं से व्यर्थ ग्रसित तू ,होगा वो ही जो है होना 
बहुत हो गया सोना सोना, सीख ले अब तू ढंग से सोना 

बहुत व्यस्त तेरा जीवन तू हरदम रहता परेशान है 
तेरी सारी बीमारी का ,ढंग से सोना ही निदान है 
अगर चैन से नींद आएगी, तुझको बड़ा सुकून मिलेगा 
सुबह उठेगा खुद को हल्का और ताजा महसूस करेगा 
तेरा अगला पूरा दिन ही, रंग, उमंग से भर जाएगा 
नया सवेरा ,तेरे जीवन में खुशियां भर कर लाएगा 
मनचाही भरपूर नींद लें, बंद कर रोज-रोज का रोना 
बहुत हो गया सोना सोना, सीख ले अब तू ढंग से सोना

मदन मोहन बाहेती घोटू

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