गोपाल जी मनोरमा विवाह के 60 साल के अवसर पर
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साठ साल पहले मिले मनोरमा गोपाल
एक दूजे का साथ पा, दोनों हुए निहाल
दोनों हुए निहाल ,प्रेम की महकी क्यारी
फूल खिले दो,एकअतुल एक ममता प्यारी
जीवन बीता सत्कर्मों और परोपकार में
सब से मिलकर रहे इकट्ठे परिवार में
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जब इनकी शादी हुई थे ये दसवीं पास
विद्या पाने का मगर करते रहे प्रयास
करते रहे प्रयास ,बने सी ए लड्ढाजी
मनोरमा ने भी एम ए कर मारी बाजी
चमकी महिला मंडल की मंत्राणी बनकर
और गोपाल जी लायन क्लब के बने गवर्नर
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सरस्वती मां ने दिया विद्या का वरदान
और लक्ष्मी मां ने दिया प्रेम सहित धनधान्य
प्रेम सहित धन धान्य,लुटाया सबमें जी भर
सत्कार्यों से ली इन ने अपनी झोली भर
शीतल शांत स्वभाव ,पुण्य करते मन हरषे
कृपा ईश्वर की ,दोनों पर हरदम बरसे
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मन में सेवा भावना और अच्छे संस्कार
दोनों ने में लुटाया ,सब में अपना प्यार
सब में अपना प्यार ,हमेशा रहे विजेता
और समाज के रहे हमेशा बनकर नेता
घोटू प्रभु से यही प्रार्थना है कर जोड़ी
रहे स्वस्थ और दीर्घायु हो इनकी जोड़ी
मदन मोहन बाहेती घोटू
भावपूर्ण प्रस्तुति
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