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सोमवार, 11 अप्रैल 2022

प्यार और मिठाई 
तुम्हारी ना को ना और हां को हां ही मानता हूं मैं 
तुम्हें खुश रखने के हथकंडे सब पहचानता हूं मैं 
गर्म गाजर का हलवा तुम हो प्यारा और मनभाता 
मिलेगा स्वाद चमचा बनके ही, यह जानता हूं मैं
भले ही टेढ़ी हो लेकिन रसीली और निराली हो 
जलेबी की तरह स्वादिष्ट हो तुम और प्यारी हो 
तुम्हारा सच्चा आशिक तुम्हें दिल से प्यार करता हूं 
मैं दीवाना तुम्हारा, प्रेमिका तुम ही हमारी हो
 तुम्हारा प्यार लच्छेदार है ,प्यारा सुहाना है 
 रसीला रस मलाई सा, हमें करता दीवाना है 
 मैं लच्छेदार रबड़ी से भरा जब देखता कुल्हड़,
 मेरा मन होताअल्हड़,करता जिद इसको ही खाना है

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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