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गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

घोटू के पद

कोरोना की मार -विरहन की पुकार

प्रिय तुम ,कोरोना डर भागे
जबसे तुमसे नयन मिले है ,प्रेम भाव मन जागे
मिलन प्रतीक्षा में व्याकुल है ,प्यासे नयन अभागे
मैं तुम्हारी प्रेम पुजारन , सब जग बंधन त्यागे
करूं समर्पित ,निज सरवस मैं ,अगर पियाजी मांगे
तुम आये ,दूरी से देखा ,दो पग बढे न आगे
विरह पीड़ से तप्त बदन लख,गरम गरम सी साँसे
घोटू  तुम कोरोना डर से ,उलटे पैरों   भागे

घोटू    

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