एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

हमें डायबिटीज  हो गयी है

तुम्हारे वादे गुलाबजामुन की तरह है
जिनमे न गुलाब की खुशबू है
न जामुन का स्वाद
सिंथेटिक मावे के बने गुलाबजामुन
हमें अब रास नहीं आयेगे
गुल हो गयी है भावनायें जिस मन की , ,
उसे  गुलाबजामुन कहाँ भायेगे
तुम्हारे आश्वासनों के सड़े हुए ,
मैदे के खमीर से बनी
वादों की कढ़ाई में तली हुई
और टूटे हुए सपनो की चासनी में डूबी हुई
ये टेढ़ी मेढ़ी जलेबियाँ
इतने सालों से खिलाते आ रहे हो
अब नहीं खा पायेगे
क्योंकि हमारे लिये मीठा खाना वर्जित है 
और मीठी मीठी बाते सुन सुन कर ,
हमें डायबिटीज हो गयी है 
हमें खस्ता कचोडी खिलाने का वादा मत करो
हमारी हालत यूं ही खस्ता हो गयी  है
तुम्हारे भाषण,प्याज के छिलकों की तरह
हर बार परत दर परत खुलते है
पर स्वाद कम ,आंसू ज्यादा लातें है
अब हमें मत बरगलाओ 
तुम्हारा तो पेट भर चुका है
हो सके तो हमें
दो गिलास शुद्ध पानी मुहैया कराओ
क्योंकि पेट तो अब पानी से ही भरना पड़ेगा
अच्छे दिनों की आशा में हमें,
रोज यूं ही ,हंस हंस कर जीना और मरना पड़ेगा 

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

1 टिप्पणी:

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-