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मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018
गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018
PLEASE REPLY ME THROUGH MY PRIVATE EMAIL ADDRESS (missaminageorgesaitoti@mail.com)
My dear hear the cry of an orphan as i have noticed that I am orphan, first of all let me introduce myself to you before I will go ahead for my reason of contacting you,
My name is Miss Amina Saitoti 21yrs old female the only daughter of George Saitoti the former Kenyan Internal Security Minister, My beloved father George Saitoti and his assistant Joshua Orwa Ojodeh were killed in a helicopter crash in Ngong Forest in Kenyan East Africa. The accident happened on June 10th 2012. On Sunday few minutes after they had taken off from
http://edition.cnn.com/2012/06/10/world/africa/kenya-minister-killed/index.html
throughout when my father was alive, his wife which i take as my mother and his son as my blood brother without knowing they are not my biologically mother and blood brother, because i noticed that my mother don't visit me in school as my father do also she don't she me any motherly care, and my brother don't come close to me even if i called him on phone he don't like to pick my calls, infarct they all behalves string characters to me is only my father that take care of me and show me love, and i never know that my father adopted me and i never know that the person i called my biologically mother is not my mother and my brother is not my blood brother as i think before the death of my father, After the burial of my father, my mother start changing all my father's property to her son personal name been my brother. i said nothing because i know my mother don't love me, few months later our family lawyer visited us and said that she want to see me alone and my mother pick offence about that and said that the lawyer should explain why in public, and the lawyer refuse to do that, finally the lawyer called me out and see me alone, also hand over to me my father will certificate about me and a deposit certificate of a huge amount of money $5.5Million United State Dollars, in one bank with my name as the legal next of kin to inherit the fund in another country called Burkina Faso.
but due to i have noticed that the person i called my mother don't love me i have to hide the documents away before coming back to house on my return my mother called me with my brother ask me what happened and i explain to them, and she become angry with me with my brother, because of this the person i called my mother explain everything about me and tell me that the money did not belong to me, because i was adopted by my father, also said that she is not in support of the adoption, and said for that reason I must give her the fund documents, and look for someone that will go and leave her husband house, I cried with agony and the person i called my brother beat me merciless and necked me with all kind of maltreatment and luck me in toilet, for 2days, finally i escape from our house to the nearby city with the documents, Now I am constrained to contact you because of the abuse and maltreatment I am receiving from the woman her son because i will not call her my mother again hence I have noticed that she is not my mother. So I decided to I traveled to Burkina Faso to withdraw the money for a better life so that I can take care of myself and start a new life, on my arrival, the Bank Director whom I met in person told me that my father's instruction/will to the bank is that the money would only be release to me when I am married or present a foreign trustee who will help me and invest the money overseas.
Presently seeking asylum under the United Nations High Commission for the Refugee here in
Handle this transaction sincerely.
Please don't disclose it to any one until I come over because I am afraid of This woman who has threatened to kill me and have the money alone, I thank God Today that am out from my country (KENYA) but now In (Burkina Faso) where my father deposited these money with my name as the next of Kin. I have the documents for the claims.
Yours Sincerely
Miss Amina Saitoti
PLEASE REPLY ME THROUGH MY PRIVATE EMAIL ADDRESS (missaminageorgesaitoti@mail.com)
शनिवार, 17 फ़रवरी 2018
गुरुवार, 15 फ़रवरी 2018
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गर्मी में शीतलता,
सर्दी में ऊष्मा
बारिश में भीगापन,
बासंती सुषमा
हर ऋतू में मनभाती
मुस्काती,मनभाती
मस्ती की धुन हो
तुम ,तुम हो
ग्रीष्म में शिमला की,
वादियों सी शीतल
बरफ की चुस्की की तरह,
रसभरी,मनहर
शीतल जल की घूँट की तरह,
तृप्ति प्रदायिनी
चांदनी में बिछी सफ़ेद चादरों सी,
सुहावनी
आम के फलों की तरह,
मीठी और रसीली तुम हो
तुम,तुम हो
सर्दी में जयपुर की गुदगुदी,
रजाई सी सुहाती
सूरज की गुनगुनी ,
धूप सी मनभाती
मक्की की रोटी और सरसों के ,
साग जैसी स्वाद में
गरम अंगीठी की तरह तपाती,
ठिठुराती रात में,
रस की खीर,गरम जलेबी,
या रसीला गुलाबजामुन हो
तुम,तुम हो
वर्षा की ऋतू में सावन की,
बरसती फुहार
जुल्फों की बदली से,
आँखों की बिजली की चमकार
आँख मिचोली खेलती हुई,
सूरज की किरण
या गरम चाय के साथ,
पकोड़ी गरम गरम
दूर दूर तक फैली हरियाली,
भीगा हुआ मौसम हो
तुम, तुम हो
बासंती ऋतू की,
मस्त मस्त बहार
प्यार भरी, होली के,
रंगों की बौछार
फूलों की क्यारियों की,
गमक और महक
कोयल की कुहू कुहू,
पंछियों की चहक
वृक्षों के नवल पात सी कोमल,
पलाश सा,रंगीला फागुन हो
तुम ,तुम हो
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018
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आज का चिंतन - अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमय...12 वर्ष पहले
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क्राँति का आवाहन - न लिखो कामिनी कवितायें, न प्रेयसि का श्रृंगार मित्र। कुछ दिन तो प्यार यार भूलो, अब लिखो देश से प्यार मित्र। ……… अब बातें हो तूफानों की, उम्मीद करें परिवर्तन ...12 वर्ष पहले
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कल रात तुम्हारी याद - कल रात तुम्हारी याद को हम चाह के भी सुला न पाये रात के पहले पहर ही सुधि तुम्हारी घिर कर आई अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ पास जैसे तुम हो खड़े व्याकुल हुआ कुछ मन...12 वर्ष पहले
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HAPPY NEW YEAR 2012 - *2012* *नव वर्ष की शुभकामना सहित:-* *हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।* *पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।* *हर जोखिम से ...12 वर्ष पहले
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"भइया अपने गाँव में" -- (बुन्देली काव्य-संग्रह) -- पं० बाबूलाल द्विवेदी - We're sorry, your browser doesn't support IFrames. You can still <a href="http://free.yudu.com/item/details/438003/-----------------------------------------...13 वर्ष पहले
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अपनी भाषाएँ - *जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही तर्क...13 वर्ष पहले
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