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सोमवार, 1 जनवरी 2018

नववर्ष 

कल ,
दिन बदल जाएगा 
महीना बदल जाएगा
 वर्ष बदल जाएगा 
तारीख बदल जायेगी 
कैलेंडर बदल जाएगा 
डायरी बदल जायेगी 
और तो और ,
सूरज के उगने और 
अस्त होने का,
 समय भी बदल जाएगा 
नहीं बदलेगा तो आसमान,
जो जितना विस्तृत था ,
उतना ही विस्तृत रहेगा 
और मेरा तुम्हारे प्रति प्यार ,
नए वर्ष के आ जाने पर भी,
जैसा पहले था वैसा ही रहेगा 
अक्षुण था और अक्षुण ही रहेगा 
हमेशा की तरह 
हमेशा 

घोटू 

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