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गुरुवार, 11 अगस्त 2016

ज्ञान की बात

ज्ञान की बात

अगर आटा आज जो गीला सना
दुखी हो क्यों कर रहे मन अनमना
आड़ी तिरछी आज बनती रोटियां,
गोल  रोटी भी  कल  लोगे  बना

मुश्किलें तो आएगी और जायेगी
जिंदगी की जंग चलती   जायेगी
खुश न हो,बीबी अगर मइके गयी,
चार दिन में लौट कर फिर आएगी

कभी दुःख है तो कभी फिर हर्ष है
यूं ही  जीवन में सदा    संघर्ष   है
एक तारीख को भरा ,इतरा रहा,
तीस तक हो जाता खाली पर्स है

सेक लो रोटी,तवा जब गर्म है
अवसरों का लाभ,अच्छा कर्म है
मज़ा देते सिर्फ पापड़ कुरकुरे,
देर हो जाती तो पड़ते  नर्म   है

घोटू

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