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रविवार, 11 जनवरी 2015

शादीशुदा जिंदगी

   शादीशुदा जिंदगी

 बड़ी तीखी कुरमुरी सी
 स्वाद से लेकिन भरी सी
जिंदगी शादीशुदा की,
है पकोड़ी चरपरी सी
मज़ा लेकर सभी खाते ,
भले खाके करते सी सी
सभी के मन को सुहाती,
चाट है ये चटपटी सी
जलेबी सी है रसीली ,
भले टेढ़ी ,अटपटी सी
पोल कितनी भी भले हो,
मगर बजती बांसुरी सी
मुंह  जलाती सभी मिर्चे ,
लाल,काली या हरी सी
लगी मुंह से नहीं छूटे ,
सर्दियों में मूंगफली सी
कैसी भी हो,प्यार करती ,
बीबियाँ, लगती  परी सी

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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