पुराने और नये गाने
पुरानी फिल्मो के नगमे
भाव विभोर कर देते थे हमें
सुन्दर शब्द और भावों से सजे हुये
मधुर धुन की चाशनी में पगे हुये
बरसों तक जुबान पर चढ़े रहते थे
ठंडी हवा के झोंको की तरह बहते थे
एक एक शब्द दिल को छुआ करता था
बार बार सुन कर भी मन नहीं भरता था
जैसे 'चौदवीं का चाँद हो या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजबाब हो '
होते थे लाजबाब वो गाने
लोग सुन के हो जाते थे दीवाने
और आज के गाने ,दनदनाते है ,शोर करते है
कुछ ही दिनों बाद बोअर करते है
शब्द है उलटे सीधे ,भावनाए गायब है
फास्ट संगीत है और धुनें विदेशी सब है
सुन कर भी कभी नहीं जगते है जज्बात
आज के गाने जैसे 'गंदी बात,गंदी बात '
'दिल है बदतमीज ' और 'इश्क़ कमीना 'है
पुराने नगमो वाली बात ही इनमे ना है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
पुरानी फिल्मो के नगमे
भाव विभोर कर देते थे हमें
सुन्दर शब्द और भावों से सजे हुये
मधुर धुन की चाशनी में पगे हुये
बरसों तक जुबान पर चढ़े रहते थे
ठंडी हवा के झोंको की तरह बहते थे
एक एक शब्द दिल को छुआ करता था
बार बार सुन कर भी मन नहीं भरता था
जैसे 'चौदवीं का चाँद हो या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजबाब हो '
होते थे लाजबाब वो गाने
लोग सुन के हो जाते थे दीवाने
और आज के गाने ,दनदनाते है ,शोर करते है
कुछ ही दिनों बाद बोअर करते है
शब्द है उलटे सीधे ,भावनाए गायब है
फास्ट संगीत है और धुनें विदेशी सब है
सुन कर भी कभी नहीं जगते है जज्बात
आज के गाने जैसे 'गंदी बात,गंदी बात '
'दिल है बदतमीज ' और 'इश्क़ कमीना 'है
पुराने नगमो वाली बात ही इनमे ना है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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