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रविवार, 30 मार्च 2014

आतंकवादी

             आतंकवादी 

खुले से वस्त्र पहने, बदन वो अपना दिखाते है ,
जरा सा छू लिया तो हमको वो बदनाम करते है
दिखा कर नाज और नखरे ,हमें पहले रिझाते है,
पटाने हम को सजते ,कितने ताम और झाम करते है
अगर शादी करो तो घर की सत्ता  ले के हाथों में,
नचा कर उँगलियों पर पति को,गुलाम करते है
अदा से मुस्करा कर ,लूट लेते है ये मर्दों को ,
ये वो आतंकवादी है  जो कत्लेआम  करते है

घोटू
 

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