प्यार और बीमारी
दे मीठी मीठी पप्पियाँ ,बचपन से आजतक,
लोगों ने मेरे खून में मिठास बढ़ाया
तेजी से इतनी तरक्की की चढ़ी सीढ़ियां ,
धड़कन ने बढ़ कर, खून का दबाब बढ़ाया
उनसे मिलन की चाह में ,ऐसा जला बदन,
लोगों को लगा ,हमको है बुखार हो गया
जबसे है उनके साथ हमने नज़रें लड़ाई ,
ऐसी लड़ी लड़ाई है कि प्यार हो गया
यूं देखते ही देखते ,दिल का सुकून गया ,
हम सो न पाते ,रात की नींदें है उड़ गयी
रहते हैं खोये खोये हम उनके ख़याल में ,
जोड़ी हमारी ,जब से उनके साथ जुड़ गयी
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
दे मीठी मीठी पप्पियाँ ,बचपन से आजतक,
लोगों ने मेरे खून में मिठास बढ़ाया
तेजी से इतनी तरक्की की चढ़ी सीढ़ियां ,
धड़कन ने बढ़ कर, खून का दबाब बढ़ाया
उनसे मिलन की चाह में ,ऐसा जला बदन,
लोगों को लगा ,हमको है बुखार हो गया
जबसे है उनके साथ हमने नज़रें लड़ाई ,
ऐसी लड़ी लड़ाई है कि प्यार हो गया
यूं देखते ही देखते ,दिल का सुकून गया ,
हम सो न पाते ,रात की नींदें है उड़ गयी
रहते हैं खोये खोये हम उनके ख़याल में ,
जोड़ी हमारी ,जब से उनके साथ जुड़ गयी
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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