एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 5 मार्च 2014

नेताओं का बुढ़ापा

         नेताओं का बुढ़ापा

स्वर्गलोक के देव, अप्सरायें न कभी बूढ़ी होती 
किन्तु बुढ़ापे  में मानव की,हालत बड़ी बुरी होती
हम लोग  रिटायर जब होते ,तो हो जाता है बुरा हाल
और नेता जब बूढ़े होते तो बन जाते है   राज्य पाल
क्या नेता होते देव तुल्य ,चिरयुवा ,जवां हरदम रहते
जो उनको चुन कर देव बनाते जीवन भर सब दुःख सहते

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-