एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

गीत

                   गीत
मक्की  की  रोटी सरसों का साग,
माँ के प्यार वाला मिठ्ठा वो राग.
आता है याद बहुत आता है याद........
बदले हैं दिन  चाहे  बदली  है  रातें,
जेहन में तरोताजा गुजरी वो बातें,
धुँआ उठ रहा चाहे बुझा  है चिराग.
आता है याद बहुत आता है याद.......
बेशक  उम्र  हो  गई  है पचपन की,
फिर  भी  न भूले  यादें बचपन की,
तालाब  किनारे  वाला  वो   बाग.
आता है याद बहुत आता है याद..........
जवानी  में  आँखें भी  चार  हुई   थी,
किसी के लिए हसरत बेकरार हुई थी,
मिटा  नही  दिल  पे  लगा  वो  दाग.
आता है याद बहुत आता है याद........"raina" 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-