ब्रह्मा विष्णु महेश
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भारत की सीमा पर,
तीन तरफ समंदर,
और एक तरफ पहाड़ है
और हमारे त्रिदेव ,
ब्रह्मा,विष्णु महेश पर,
इसकी सुरक्षा का भार है
उत्तर में कैलाश पर्वत पर,
बिराजे है शिव शंकर,
चीन की सभी गतिविधियों पर,
रखे हुए है नज़र
और सुरक्षा समंदर की,
कर रहे है विष्णु भगवान
उन्होंने तो समंदर के अन्दर ही,
बना लिया है रहने का स्थान
शेषनाग की शैया पर विराजते है
और भारत की,तीन तरफ की ,
सुरक्षा को, वो ही सँभालते है
यहाँ तक कि उनकी पत्नी लक्ष्मी जी,
भारत के आर्थिक विकास में है लगी
और तीसरे देव ब्रह्मा जी,
कमल नाल पर बैठे हुए,
अपने चारों मुखों से,
देश कि आतंरिक सुरक्षा पर,
पूरी नज़र रखें है
और सरस्वती के साथ,
देश कि बौद्धिक और सांस्कृतिक,
विरासत कि सुरक्षा में लगे है
इन तीनो देवताओं का वरदान,
और आशीर्वाद हम पर है
इसीलिए तो आज भारत ,
प्रगति के पथ पर है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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भारत की सीमा पर,
तीन तरफ समंदर,
और एक तरफ पहाड़ है
और हमारे त्रिदेव ,
ब्रह्मा,विष्णु महेश पर,
इसकी सुरक्षा का भार है
उत्तर में कैलाश पर्वत पर,
बिराजे है शिव शंकर,
चीन की सभी गतिविधियों पर,
रखे हुए है नज़र
और सुरक्षा समंदर की,
कर रहे है विष्णु भगवान
उन्होंने तो समंदर के अन्दर ही,
बना लिया है रहने का स्थान
शेषनाग की शैया पर विराजते है
और भारत की,तीन तरफ की ,
सुरक्षा को, वो ही सँभालते है
यहाँ तक कि उनकी पत्नी लक्ष्मी जी,
भारत के आर्थिक विकास में है लगी
और तीसरे देव ब्रह्मा जी,
कमल नाल पर बैठे हुए,
अपने चारों मुखों से,
देश कि आतंरिक सुरक्षा पर,
पूरी नज़र रखें है
और सरस्वती के साथ,
देश कि बौद्धिक और सांस्कृतिक,
विरासत कि सुरक्षा में लगे है
इन तीनो देवताओं का वरदान,
और आशीर्वाद हम पर है
इसीलिए तो आज भारत ,
प्रगति के पथ पर है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
वाह,
जवाब देंहटाएंअनोखी कविता !
अदभुत |
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति । Welcome to my New Post.
जवाब देंहटाएंजब त्रिमूर्ती देवियं के साथ लगे पडे हैं भारत की सुरक्षा और विकास में तो कैसे ना बढेगा आगे भारत । पर देवी दुर्गा को क्यूं छोड दिया उनकी तो बडी ज़रूरत है चण्ड मुण्डों के निपटान के लिये ।
जवाब देंहटाएंआहा !!!,अति सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार 'होली' की शुभकामनाएं