खूब "घुटा-लो" शीर्ष, खुदा तक चाहे जाओ ।।
घमंडी की मंडी
जाओ जाना है जहाँ, लाओ फंदा नाप ।
जाओ जाना है जहाँ, लाओ फंदा नाप ।
मातु विराजे दाहिने, बैठा ऊपर बाप ।
बैठा ऊपर बाप, चित्त का अपने राजा ।
मर्जी मेरी टॉप, बजाऊं स्वामी बाजा ।
उच्च-उच्चतम दौड़, दौड़ कर टाँग बझाओ ।
खूब "घुटा-लो" शीर्ष, खुदा तक चाहे जाओ ।।
बेहतरीन भाव पूर्ण सार्थक रचना,
जवाब देंहटाएंवाह दिनेश जी ... हकीकत लिख दी आपने इन शब्दों में ... बहुत खूब ...
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