खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया ,
जाने न दूंगी तोहे आज पिया |
झूम झूम के डारू तुझपे रंग पिया ,
भीजूंगी आज तोहरे ही संग पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
लगाऊं अबीर लगाऊं गुलाल गालो में तोहरे ,
ये मौका न जाने दू हाथ से पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
बाँधी है प्रीत की डोरी जो तुझसे ,
उस प्रीत पे आने न दूंगी आंच पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
छुडाये न छूटेगा ये रंग पिया ,
इस प्रीत से भीज जायेगा तोहरा अंग पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
खुली आँख और टूटा सपना ,
तू खड़ा है सरहद के पास पिया ,
अब कैसे खेलूंगी होली तोहरे साथ पिया ?
अब कैसे खेलूंगी होली तोहरे साथ पिया ?
अनु डालाकोटी
जाने न दूंगी तोहे आज पिया |
झूम झूम के डारू तुझपे रंग पिया ,
भीजूंगी आज तोहरे ही संग पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
लगाऊं अबीर लगाऊं गुलाल गालो में तोहरे ,
ये मौका न जाने दू हाथ से पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
बाँधी है प्रीत की डोरी जो तुझसे ,
उस प्रीत पे आने न दूंगी आंच पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
छुडाये न छूटेगा ये रंग पिया ,
इस प्रीत से भीज जायेगा तोहरा अंग पिया ,
खेलूंगी होली तोहरे ही साथ पिया |
खुली आँख और टूटा सपना ,
तू खड़ा है सरहद के पास पिया ,
अब कैसे खेलूंगी होली तोहरे साथ पिया ?
अब कैसे खेलूंगी होली तोहरे साथ पिया ?
अनु डालाकोटी
बहुत सुंदर भावमयी रचना...
जवाब देंहटाएंअनुभूतियों का धुंधलका ,दिवा स्वप्न की धुंध बड़ी भली लगती है .अच्छा भाव चित्र अच्छी रचना .
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद् |
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ अच्छा लगा इतना की अनुसरण कर रही हूँ | आज की प्रस्तुति भावभीनी है | बधाई |मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है|
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचना...
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई..
holi ke saath ki thitholi ke bahane sarahad par mustaid jawaano ki vaastvik stihti kaa bhavnaatmak chitran
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना..
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