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बुधवार, 19 जून 2024

पिताजी आप धन्य है 
न तुमसा कोई अन्य है 

जब से मैंने आंखें खोली 
मिला आपका प्यार 
चिपक आपके कंधे पाया 
था आनंद अपार 
कदम कदम चलना सिखलाया 
मुझको संभल संभल कर 
कभी उछाला और संभाला,
दूर किया मेरा डर 
तुमने अक्षर ज्ञान कराया, 
गिनती, लिखना ,पढ़ना 
कैसे लड़ना बाधाओं से ,
कैसे आगे बढ़ना 
मुसीबत ने जब भी घेरा ,
बने सहारा मेरा 
ज्ञान दीप बन किया उजाला, 
जब भी छाया अंधेरा
ऊंची नीची परिस्थितियों में ,
कभी नहीं घबराना 
विचलित होना नहीं ,सदा ही
 हंसना और मुस्काना 
जीवन सीधा और सरल हो ,
रहन-सहन हो सादा  
सदा सात्विक भोजन करना 
उम्र मिलेगी ज्यादा 
करना नहीं घमंड कभी भी 
गुस्सा कभी न करना 
जितना भी हो सके हमेशा
प्रभु का नाम सुमरना 
चले आपके पदचिन्हों पर
आज सुखी हम सारे
ढेरों आशीर्वाद मिले हैं 
छूकर चरण तुम्हारे

कमाया बहुत पुण्य है 
पिताजी आप धन्य है

मदन मोहन बाहेती घोटू

चोंचलो के दिन गए 


अब हमारे चोंचलों के दिन गए 


मांग को तेरी सजाने को सुहाने 

आसमान से चांद तारे तोड़ लाने 

के दीवाने हौसलों के दिन गए 

अब हमारे चोंचलो के दिन गए 


कभी तुम पर जान करने को निछावर 

हमेशा ही हम रहा करते थे तत्पर 

पंख लगा कर उड़ें,छूले आसमां को,

उड़ानों के उन पलों के दिन गए 

अब हमारे चोंचलो के दिन गए 


जवानी के दिनों की वो मधुर बातें 

याद आती, मन को समझा नहीं पाते 

उमर ने पर काट डाले हैं हमारे ,

जवानी के जलजलों के दिन गए 

अब हमारे चोंचलो के दिन गए 


अब तो यादों के सहारे जी रहे हैं 

दुखी मन हैऔर आंसू पी रहे हैं 

जैसे तैसे गुजरती हैं जिंदगानी 

मस्ती वाले उन पलों के दिन गए 

अब हमारे चोंचलो के दिन गए


मदन मोहन बाहेती घोटू

मंगलवार, 18 जून 2024

शनिवार, 15 जून 2024

बुधवार, 12 जून 2024

शबरी के राम 


बनवासी है रूप ,माथ पर तिलक लगाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए हैं

 बोलो राम राम राम सीता राम राम 


शबरी खुशी से हुई बावरी मन में उल्लास प्रभु दर्शन की जन्म जन्म की पूरी हो गई आस 

बड़े प्रेम से पत्तल आसन पर प्रभु को बैठाया 

गदगद होकर रामचरण में अपना शीश 

नमाया 

अश्रु जल से पांव पखारे पुष्प चढ़ाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए हैं

बोलो राम राम राम सीता राम राम 


बरसों से करती आई थी राम नाम की टेर प्रभु प्रसाद को लाया करती ताजेताजे बेर इतनी हुई भाव विव्हल वो राम प्रभु को देख 

चख कर मीठे बेर प्रभु को, बाकी देती फेंक 

जूंठे बेर किए शबरी के, राम ने खाए हैं शबरी मैया की कुटिया में राम जी आए है

बोलो राम राम राम सीता राम राम राम 


मदन मोहन बाहेती घोटू

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