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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

आज मेरा जन्मदिन है


आज मेरा जन्मदिन है ,

आज मैं पैदा हुआ था

कोख से मां की निकल कर,

धरा को मैंने छुआ था 


निकले थे मेरे गले से 

सबसे पहले रुदन के स्वर 

मैं था रोया,खुश हुई मां,

जिंदगी में प्रथम अवसर 

मुझे चपटा, अपने सीने से 

बहुत प्रमुदित हुई वो

सहला ममता भरे हाथों 

से थी आनंदित हुई वो

आंख पहली बार खोली 

माता का चेहरा दिखा था 

मधु से मेरी जुबान पर 

*ओम*पापा ने लिखा था 

गोद में मुझको लिया था 

और चूमा मेरा माथा 

आज मेरा जन्मदिन है 

आज मैं पैदा हुआ था 


मां  ने कांधे से लगाया ,

कभी गोदी में सुलाया

भूख लगती, जो मैं रोता 

पान स्तन का कराया

झुलाती थी पालने में 

लोरियां मुझको सुनाती 

करता जब गीला बिछौना 

सूखे में मुझको सुलाती 

मां ने मुझको पालने में 

प्यार था सारा लुटाया 

पकड़ कर के मेरी उंगली 

मुझको था चलना सिखाया 

सफलता सोपान चढ़ने,

रहा आशीर्वाद मां का 

आज मेरा जन्मदिन है 

आज मैं पैदा हुआ था 


संग समय के ,एक पादप 

की तरह विकसित हुआ मैं

स्नेह से माता-पिता के 

हमेशा सिंचित हुआ मैं

बड़ा आगे ,प्रगति पथ पर 

लगी ठोकर ,चोट खाया 

प्यार से मां ने संभाला 

हौसला मेरा बढ़ाया 

किया मेरा पथ प्रदर्शन 

सफलता की कामना की 

आज जो कुछ भी बना हूं,

मेहरबानी है यह मां की 

किये हैं उपकार इतने 

मैं कभी ना भूल पाता 

आज मेरा जन्मदिन है 

आज मैं पैदा हुआ था


मदन मोहन बाहेती घोटू

बुधवार, 7 फ़रवरी 2024

पूंछ अब बाकी है 


हाथी तो निकला यार , पूंछ अब बाकी है 

हम हो गए अस्सी पार, पूंछ अब बाकी है


ऊपर नीचे ,नीचे ऊपर 

पग पग हमने खाई ठोकर 

किसी गैर ने प्यार लुटाया ,

ठगा किसी ने, अपना होकर 

हम गिर,संभले हर बार, पूंछ अब बाकी है

हम हो गए अस्सी पार,

पूंछ अब बाकी है


चली सवारी ,सदा शान से 

दम न किसी में था जो रोके 

हमको कोई फर्क पड़ा ना ,

चाहे कितने कुत्ते भोंके 

हम बढ़ते रहे चिंगाड़,

पूंछ अब बाकी है

हम हो गए अस्सी पार,

पूंछ अब बाकी है 


बने इंद्र के कभी ऐरावत 

पूजित हुए गजानन प्यारे

कभी सूंड में पानी भर कर,

लक्ष्मी जी के पांव पखारे 

किया कितनों का उद्धार

पूंछ अब बाकी है

हम हो गए अस्सी पार, पूंछ अब बाकी  है


बाकी बचा पूंछ सा जीवन 

अब मस्ती से काटेंगे हम 

मोह माया को छोड़ जियें हम 

करते रहे प्रभु का सिमरन 

करेंगे भवसागर को पार,

पूंछ अब बाकी है

हम हो गए अस्सी पार, पूंछ अब बाकी है


मदन मोहन बाहेती घोटू

शनिवार, 3 फ़रवरी 2024

दर्शन करने राम का,चलो अयोध्या धाम 

प्रीत लगा लो राम से,बन जाएंगे काम 


राम है सबके स्वामी 

राम है अंतर्यामी 

राम है सबको प्यारे 

राम है तारण हारे 

राम है भाग्य विधाता 

राम है मुक्ति दाता 

राम है राजीव लोचन 

राम है संकट मोचन 

राम सुमरन फलदायक 

राम है सबके नायक 

राम की छवि है सुंदर 

राम पूजित है घर-घर 

राम आदर्श पुरुष है 

हाथ में लिए धनुष है 

राम है राक्षस हंता

बचाए साधु संता 

राम है दशरथ नंदन 

राम का करिए वंदन 


आज्ञा मानी पिता की, चले गए बनवास 

राजपाठ को छोड़कर,अपनाया सन्यास 


राम का नाम धन्य है

न इन सा कोई अन्य है

हुआ जो नहीं राम का 

रहा ना किसी काम का 

राम कौशल्या नंदन 

राम है कष्ट निकंदन 

राम सुख शांति दाता 

राम लक्ष्मण के भ्राता 

राम जी सियापति है 

राम बिन नही गति है 

राम का नाम पुकारो

साथ हनुमान पुकारो 

पवनसुत पीड़ हरेंगे

दूर सब कष्ट करेंगे 

राम के गुण तुम गाओ 

कृपा हनुमत की पाओ 

सुखों में होगी वृद्धि 

मिलेगी रिद्धि सिद्धि 


परम भक्त हैं राम के, अंजनी पुत्र हनुमान

बसते जिनके हृदय में,मां सीता और राम


राम है धर्म परायण 

राम ने मारा रावण 

ताड़का मारी उनने

अहिल्या तारी उनने 

बेर शबरी के खाए 

राज्य सुग्रीव दिलाए 

सफल जो जीवन करना 

राम को सदा सुमरना

राम का नाम पुकारो 

सुबह और शाम पुकारो 

राम का कीर्तन कर लो 

पुण्य से झोली भर लो 

राम में अद्भुत शक्ति 

करो तुम उनकी भक्ति 

राम की करो तपस्या 

रहे ना कोई समस्या 

हमारे रामलला है 

सभी का करे भला है 


सच्चे मन से लगाओ,राम नाम से नेह

चौरासी तर जाओगे ,बिना किसी संदेह


मदन मोहन बाहेती घोटू

सोमवार, 22 जनवरी 2024

मुंबई और रजाई 


पिछले हफ्ते मैं गया था मुंबई 

वहां का मौसम था  सुरमई 

दिल्ली की सर्दी थी कंपकंपाती

वहां की धूप थी मन को भाती 

दिल्ली में अलाव जलते थे 

वहां पर दिन रात पंख चलते थे 

दिल्ली में लड़कियां गर्म कपड़ों में बदन छुपाती थी 

वहां पर लड़कियां हॉट पेंट में नजर आती थी 

हफ्ते भर मुंबई के मौसम का मजा उठाया फिर 26 डिग्री की मुंबई से 6 डिग्री की दिल्ली में लौट आया 

फिर आकर दिल्ली का मौसम का स्वाद चखा

 रजाई में दुबक कर आया बहुत मजा 

दिल्ली का सर्दी का आनंद ही निराला है रजाई के सुख से महरूम रहता मुंबई वाला है

 रजाई का सुख अवर्णनीय है, अनोखा है

यह वही जान पता है जिसने रजाई में घुसकर ये सुख चखा है 

मन को रोमांचित करते हैं दिल्ली की सर्दी के अफसाने 

क्या होता है रजाई का सुख ,यह मुंबई वाले क्या जाने 


मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 18 जनवरी 2024

तुम जंक फूड को ना बोलो


खाओगे ज्यादा तला भुना

मीठा गरिष्ठ अवगुणकारी 

चर्बी तन पर चढ़ जाएगी 

फूलेगी काया तुम्हारी 

इसलिए बहुत आवश्यक है 

तुम जंक फूड को ना बोलो 

हर सुबह शाम थोड़ा घूमो 

बैठे न रहो , हालो डोलो 

अच्छा लगता हो जिव्हा को

 चाहे मन के माफिक रहे 

पर त्याग करो उस खाने का 

जो सेहत को ना ठीक रहे 

मौसम के मुताबिक खान-पान

करना ही सदा उचित होता 

होता है जो सुपाच्य भोजन 

जब सादा और संतुलित होता 

यह जिव्हा बड़ी चटोरी है

इस पर लगाम है आवश्यक

मीठा न खाए,लेकिन मीठा,

बोले कोशिश करो भरसक 

मनभावन हो और गुणकारी 

वह खाना खाने मुंह खोलो 

इसलिए बहुत आवश्यक है 

तुम जंक फूड को ना बोलो


मदन मोहन बाहेती घोटू

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