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मंगलवार, 30 मई 2023

कन्यादान वरदान 

खत्म हुई शादी की धूम धाम 
उपहारों का आदान-प्रदान 
मनाने को हनीमून 
दूल्हा और दुल्हन 
चले गए हिल स्टेशन 
एक दिन लड़का लड़की के मां-बाप 
डिनर पर बैठे साथ-साथ 
कर रहे थे वार्तालाप 
लड़की की मां ने कहा, हमने अपनी प्यारी 
नाज़ों से पाली 
बेटी का कर दिया है कन्यादान 
हमें विश्वास है आप रखेंगे उसका ध्यान 
लड़के की मां ने कहा, आपने किया है कन्यादान तो हमने भी किया है वर का दान 
हमारा बेटा अब हमारे हाथ से निकल जाएगा अपनी बीवी की सुनेगा और उसके गुण गाएगा 
अपनी पत्नी के इशारों पर नाचेगा 
हमारी ओर ध्यान कब देगा 
आजकल 
नव युगल 
अपनी जिंदगी अपने ढंग से,
 मनाने को होते हैं बेकल 
 हमारा लाडला 
 पराया है हो चला 
 आज नहीं तो कल ,
 बना लेगा अपना अलग घोंसला 
 हमारा घर छोड़ कर उड़ जाएगा 
 अपनी दुनिया अपने ढंग से बसायेंगा 
 शायद यही सोचकर ,
 आपने पहले से ही इंतजाम कर दिया है 
एक फ्लैट दहेज में बेटी के नाम कर दिया है 
हमारा आशिर्वाद
हमेशा है उनके साथ 
वे जहां भी रहे ,जैसे भी रहे ,फले फूले 
पर अपने मां बाप को ना भूले 
यही तसल्ली क्या कम है हमारे लिए 
वे भी चैन से जिए और हम भी चैन से जिएं

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 25 मई 2023

बदला छोड़ो ,खुद को बदलो

 तुमने मुझ को गाली दी है,
 मैं भी तुमको गाली दूंगा 
 तुमने पीटा, मैं पीटूंगा,
  तुमसे पूरा बदला लूंगा 
  एक दूसरे के आगे हम ,
  लेकर के तलवार खड़े हैं 
  यही भावनाएं बदले की 
  युद्ध कराती बड़े बड़े हैं 
  इसीलिए तुम थोड़ा संभलो
  बदला छोड़ो, खुद को बदलो 
  
यदि जो तुम खुद को बदलोगे 
बदला बदला जगत लगेगा 
नफरत की बदली छट कर के
 प्यार भरा सूरज चमकेगा 
 सदभावों के फूल खिलेंगे ,
 जीवन की बगिया महकेगी 
 कांव-कांव का शोर हटेगा
  कुहू कुहू कोयल कूकेगी
  गुस्सा भूलो,थोड़ा हंस लो 
  बदला छोड़ो ,खुद को बदलो 
  
अपशब्द अगर कोई बोले 
चुपचाप सुनो ,मन शांत रखो 
कोई कितना भी उकसाये,
 व्यवहार मगर संभ्रांत रखो 
 कितनी भी विकट परिस्थितियां
  तुम्हारे जीवन में आए 
  तुम पार करोगे हर मुश्किल,
  विश्वास डगमगा ना पाये 
  मत अपने गले मुसीबत लो
बदला छोड़ो ,खुद को बदलो 

मदन मोहन बाहेती घोटू 
प्रेम संकेत 

तूने अपनी नजर झुका ली 
छाई कपोलों पर भी लाली 
बादल यह संकेत दे रहे ,
अब बारिश है होने वाली 

हल्की पवन, मंद मुस्काए 
आंख गुलाबी डोरे, छाये
ढलक गया सीने से आंचल,
लाज शर्म कुछ भी ना आए 
अंग अंग पर रंग चढ़ा है ,
हुई बावली ,तू मतवाली 
बादल यह संकेत दे रहे 
अब बारिश है होने वाली 

बढ़ी हुई है दिल की धड़कन 
हुआ मिलन को आतुर है मन 
सोंधी सोंधी खुशबू तन की ,
मौन,दे रही है आमंत्रण 
तन का रोम-रोम आनंदित,
 मन मस्ती ना जाए संभाली 
 बादल यह संकेत दे रहे ,
 अब बारिश है होने वाली

मदन मोहन बाहेती घोटू
नेत्रदान 

आंख मैंने दान कर दी, बस इसी उम्मीद से ,
मर के भी करता रहूंगा, हुस्न का दीदार मैं
करके आंखें चार ,कोई संग डूबूं प्यार में ,
और किसी की जिंदगी को कर सकूं गुलजार मैं

घोटू 
सात जन्म का साथ

मुझको पंडित जी ने बोला ,जो करेगा दान तू अप्सराएं स्वर्ग में पाएगा संगत के लिए 

मौलवी ने भी बताया करेगा खैरात तो 
तुझे जन्नत में मिलेगी हूरें खिदमत के लिए 

स्वर्ग पहुंचा तो खड़ी थी बीबी स्वागत के लिऐ,
स्वर्ग में भी,फिर वही,अफसोस था इस बात का 
बोली मैंने भी किया था दान ,आई हूं यहां ,
सात जन्मों का मुझे तुम संग निभाना साथ था 

घोटू 

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