एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

गुरुवार, 25 मई 2023

प्रेम संकेत 

तूने अपनी नजर झुका ली 
छाई कपोलों पर भी लाली 
बादल यह संकेत दे रहे ,
अब बारिश है होने वाली 

हल्की पवन, मंद मुस्काए 
आंख गुलाबी डोरे, छाये
ढलक गया सीने से आंचल,
लाज शर्म कुछ भी ना आए 
अंग अंग पर रंग चढ़ा है ,
हुई बावली ,तू मतवाली 
बादल यह संकेत दे रहे 
अब बारिश है होने वाली 

बढ़ी हुई है दिल की धड़कन 
हुआ मिलन को आतुर है मन 
सोंधी सोंधी खुशबू तन की ,
मौन,दे रही है आमंत्रण 
तन का रोम-रोम आनंदित,
 मन मस्ती ना जाए संभाली 
 बादल यह संकेत दे रहे ,
 अब बारिश है होने वाली

मदन मोहन बाहेती घोटू

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-