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बुधवार, 17 जून 2020

कोरोना की दहशत

सारी फुर्ती फुर्र हो गयी ,आलस ने डाला डेरा
कोरोना की कोपदृष्टी से ,बैठ गया भट्टा मेरा
सारा बेड़ा गर्क कर दिया ,ऐसा मारा मंदी ने
कामों पर कस दी लगाम ,इस लम्बी तालाबंदी ने
कोई सांप सा सूंघ गया हो ,ऐसी मन में दहशत है
हुये हौसले पस्त बची ना ,थोड़ी सी भी हिम्मत  है
लकवा जैसा मार गया  है ,जोश गया पानी लेने
मालगाड़ी की चाल चल रही ,थी जो एक्सप्रेस ट्रेने
हर कोई है ख़ौफ़ज़दा और सहमा सहमा सा मन में
कभी कल्पना भी ना थी वो हुआ हादसा जीवन में
बार बार भूकंप आ रहे ,सीमा पर हड़कंप मचा
किये गुनाह कौनसे हमने ,जिनकी मिलती हमें सजा
पिछले तीन माह में हमको,क्या क्या ना दिखलाया है
हे प्रभु क्या है तेरे मन में ,ये तेरी क्या  माया  है
तूफानों में नाव हमारी डगमग डगमग भटक रही
तू ही इसको पार लगा दे ,बता रास्ता सही सही
या फिर ले अवतार ,मिटा दे ,कोरोना की हस्ती को
पहले सा खुशहाल बना दे नगर ,गाँव हर बस्ती को
बन प्रकाश आलोकित पथ कर,अन्धकार ने है घेरा
फुर्र हुई फुर्ती फिर आये ,हो उपकार अगर तेरा

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '  


मंगलवार, 16 जून 2020

कोरोना काल में -विशेष
प्रार्थना श्री हनुमान जी से
 
     चौपाई
 जय हनुमान अंजनी नंदन
हाथ जोड़ हम करते वंदन
तुम हो अतुलित बल के स्वामी
कृपा करो प्रभु ,अन्तर्यामी
परम भक्त तुम श्री राम के
हर विपदा में सदा काम के
तुमने मारा अहिरावण को
छुड़ा लाये तुम रामलखन को
पहाड़ उठा संजीवनी  लाये
लक्ष्मण जी के प्राण बचाये
सीताहरण किया रावण ने
उसका पता लगाया तुमने
लांघ समुन्दर ,पहुंचे लंका
बजा दिया निज बल का डंका
रोकी सुरसा ,राह ,भयंकर
घुसे मुंह में ,लघु रूप धर
अंदर जा निज तन विस्तारा
इस विधि था सुरसा को मारा
हनुमन,आज वो ही सुरसा मुख
फैला रहा कोरोना, दे दुःख
हे प्रभु आप चिरंजीवी हो
आओ ,प्रकटो ,जहाँ कहीं हो
सूक्ष्म रूप धर ,हे हनुमंता
बनो आप कोरोना  हंता
अंत करो तुम इस राक्षस का
काम आपके ही ये बस का
हे बजरंग बली  ,महावीरा
दूर करो भक्तन की पीड़ा
कोरोना संहार करो प्रभु
हम सब पर उपकार करो प्रभु

             दोहा
लाल देह ,लाली लसे ,महाबली हनुमंत
सुरसा जैसा कीजिये ,कोरोना का अंत

सेवक -मदन मोहन बाहेती 'घोटू 'रचित
विशेष प्रार्थना संपन्न 

सोमवार, 15 जून 2020

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Regards
Charlsie Chavers  












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कोरोना की कोपदृष्टी

सारी फुर्ती फुर्र हो गयी आलस ने डाला डेरा
कोरोना की कोपदृष्टी से ,बैठ गया भट्टा  मेरा
सारा बेड़ा गर्क कर दिया ,ऐसा मारा मंदी ने
कामो पर कसदी लगाम,इस लम्बी तालाबंदी ने
लकवे जैसा मार गया कुछ ,जोश गया पानी लेने
मालगाड़ी की चाल चल रही थी जो एक्सप्रेस ट्रेने
कोई सांप सा सूंघ गया है ,ऐसी मन में दहशत है
हुये हौंसले पस्त, बची ना ,थोड़ी सी भी हिम्मत है
हर कोई है खौफ़जदा और सहमा सहमा सा मन में
कभी कल्पना भी ना थी वो, हुआ हादसा जीवन में
बार बार भूकम्प आरहे ,सीमा पर हड़कंप  मचा
किये गुनाह कौनसे हमने ,जिनकी मिलती हमें सजा
पिछले तीन माह में हमको ,क्याक्या ना दिखलाया है
हे प्रभु क्या है ,तेरे मन में ,ये  तेरी  क्या  माया है
तूफानों में ,फसी नाव है ,डगमग डगमग भटक रही
तू ही इसको पार लगा दे ,दिखा रास्ता ,सही सही
या फिर ले अवतार मिटा दे ,कोरोना की हस्ती को
पहले सा खुशहाल बना दे ,नगर ,गाँव हर बस्ती को

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

रविवार, 14 जून 2020

अब तो खैर करो भगवान

कैसा आया यह तूफ़ान
संकट में है सबके प्राण
दया दिखा दो ,दयानिधान
अब तो खैर करो भगवान
सब पर आयी विपद हरो
कोरोना को ध्वंस  करो

हम सब अब भयभीते है
हर पल डर कर जीते है
सांस सांस में दहशत है
आयी ऐसी  आफत है
हर इन्सां है ख़ौफ़ज़दा
सहमा सहमा रहे सदा
कोरोना की  महामारी
दिन दिन फ़ैल रही भारी
सूक्ष्म वाइरस ,अति बलवान
अब तो खैर  करो भगवान
सब पर आयी विपद हरो
कोरोना को ध्वंस  करो

पहले कितनी मस्ती थी
मन में खुशियां बसती थी
हर दिन होता जोश भरा
मन में था संतोष भरा
जब कि काम ही पूजन था
रहता व्यस्त हरेक जन था
अब हम बैठ निठल्ले से
घर घुस रहते  झल्ले से
नहीं जिंदगी ये आसान
अब तो खैर करो भगवान
सब पर आयी विपद हरो
कोरोना को  ध्वंस  करो

कब तक रोवें हम रोना
हो के रहेगा ,जो होना
फिर भी कोरोना का डर
घुस बैठा मन के अंदर
बुरे ख्याल है जब आते
तो हम तड़फ तड़फ जाते
क्या होगा कुछ अगर हुआ
तुमसे मांगें यही दुआ
स्वस्थ रहे सब ,दो वरदान
अब तो खैर करो भगवान
सब पर आयी विपद हरो
कोरोना को ध्वंस करो

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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