घोटू के पद
घोटू,मन मेरा चौकीदार
मेरे जीवन की हर क्रिया उसके कहे अनुसार
कब सोना,कब जगना,खाना ,कब हंसना, कब रोना
पढ़ना लिखना ,प्यार मोहब्बत, मन के कहे ही होना
मन माफिक यदि कुछ ना होता ,मन हो जाता भारी
सुख देती है वह क्रिया ,जो मन को लगती प्यारी
जिस पर मन आ जाता ,जुड़ता जनम जनम का नाता
मन होता गतिमान पलों में कहां-कहां हो आता
सुख में मन होता है हल्का दुख में होता भारी अंदर ही अंदर घुटने की मन को लगे बीमारी
यदि जीवन सुख से जीना है,सदा सुखी जो रहना
करो वही जो मन कहता है ,मानो उसका कहना
मन प्रसन्न तो झंकृत होते, मन वीणा के तार
घोटू ,मन मेरा चौकीदार
मदन मोहन बाहेती घोटू
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