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सोमवार, 5 अप्रैल 2021

इम्युनिटी

रूपसी (C ),रूपसी (C )
कोई ना तुमसी (C )हसीं  (C )
बहुत मादक छवि तुम्हारी ,
तुम मेरे मन बसी (C )
तुम्हारी हर अदा प्यारी ,
और प्यारी है हंसी (C )
मुझपे तुम अहसान कर दो ,
बन के मेरी प्रेयसी (C )
क्योंकि मेरी जिंदगी में ,
आ गयी है  बेबसी (C )
कोरोना के जाल में है ,
जिंदगी मेरी फंसी (C )
और तुममे प्रचुर मात्रा ,
में भरा विटामिन (C )
तुम मिलोगी तो मेरी ,
बढ़ जायेगी फिर इम्युनिटी

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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