एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

२०२० का साल

कितनो की बज गयी ढपलियाँ,नहीं रहा सुरताल
कितने ही बीमार हो गए ,कई हुए बदहाल
दुनिया को आतंकित करने ,चली चीन ने चाल
सबके मन में टीस दे गया ,बीस बीस का साल

कोरोना ने कहर मचाया ,पड़े कई बीमार
शहर शहर तालाबंदी थी ,बन्द हुआ व्यापार
लोगों ने दूरियां बनाली ,मुंह पर पट्टी डाल
सबके मन में टीस दे गया ,बीस बीस का साल

बंद फैक्टरी ,कामकाज सब ,लोग हुए बेकार
किया गाँव की ओर पलायन ,होकर के लाचार
मीलों पैदल चले बिचारे ,परेशान ,बदहाल
सबके मन में टीस  दे गया ,बीस बीस का साल

बंद होगये मंदिर ,मस्जिद ,सभी धर्म स्थान  
कोरोना डर ,गर्भगृहों में, छुप बैठे भगवान
अस्तव्यस्त सब ,चली वक़्त ने ऐसी उलटीचाल
सबके मन में टीस दे गया ,बीसबीस का साल

अब आया इक्कीस करेगा,हम सबका उपचार
आशा है सबको 'किस 'देकर ,फैलाएगा प्यार
यही प्रार्थना है ईश्वर से ,सभी रहे खुशहाल
सबके मन में टीस दे गया ,बीसबीस का साल

मदन मोहन बाहेती 'घोटू ' 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-