एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

रविवार, 26 जुलाई 2020

लड़ाई और मोहब्बत

जहाँ प्यार होता ,है झगड़ा जरूरी
लड़ाई बिना है , मोहब्बत  अधूरी
तुमने न झेली  , अगर दूरियां तो ,
नजदीकियों  का ,मज़ा ही न आता
ये शिकवा शिकायत,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता

किसी से किसी की ,नज़र जब है लड़ती
तभी तो मोहब्बत , है परवान चढ़ती
लड़ाई मोहब्बत का रिश्ता  निराला ,
हमें भी सुहाता ,उन्हें भी सुहाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता

किसी से अगर हम ,मोहब्बत दिखाते
तो ये कहते  है हम ,  लाड है  लड़ाते
बड़ी ही सुहानी ,ये होती लड़ाई ,
दूना मिलन का ,मज़ा  फिर है आता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता

नहीं रूठना हो ,नहीं हो मनाना
सफर जिंदगी का लगे ना सुहाना
ये कुट्टी और बट्टी ,बड़ी मीठी खट्टी ,
कोई भाव देता ,कोई भाव खाता
ये शिकवा शिकायत ,ये मान और मनोवल ,
ये लड़ना लड़ाना ,मोहब्बत बढ़ाता

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-