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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

ये भूलने की बिमारी


कल पत्नीजी ने फ़रमाया

 कि बढ़ती हुई उमर के साथ

कमजोर होती जारही है उनकी याददाश्त

आजकल वो कई बार ,

कई लोगों के नाम भूल जाती है

किसी काम के लिये  निकलती है

पर वो काम भूल जाती है

कोई चीज कहीं पर रख कर ,

ऐसी दिमाग से उतरती है

कि उसकी तलाश ,

उसे दिन भर परेशान  करती है

कई बार दूध  गैस पर चढ़ा देती है

पर ध्यान नहीं रहता है

पता तब लगता है जब दूध ,

उफन कर गैस स्टोव पर बहता है

ये बुढ़ापे के आने की निशानी है

ये याददाश्त का  इस तरह होना कम  

लगता है अब धीरे धीरे ,

बूढ़े होते जा  रहे है हम

मैंने कहा सच कहती हो उस दिन ,

जब पार्टी में मैंने तुम्हे 'हनी 'कह कर पुकारा था

आश्चर्य और शर्म से चेहरा लाल हो गया तुम्हारा था

तुम शर्माती हुई मेरे पास आयी थी

बड़ी अदा से मुस्कराई थी

और बोली थी की जवानी में ,

जब आप मुझ पर मरते थे

तब मुझे 'हनी 'पुकारा करते थे

आज अचानक मुझ पर ,

इतना प्यार कैसे उमड़ आया है

 मुझे हनी कह कर बुलाया है

मैंने उसे तो बहला  दिया यह कहकर

तुम्हारा रूप लग रहा था जवानी से भी बेहतर

पर हक़ीक़त को  मै कैसे करता उसके आगे कबूल

दरअसल मै नाम ही उसका गया था भूल

जब बहुत सोचने पर भी नाम याद नहीं आया

मैंने 'उनको हनी 'कह कर था बुलाया

पर ये सच है कि जैसे जैसे ,

उमर आगे की और दौड़ती है

आदमी की याददाश्त घट जाती है ,

पर पुरानी यादें पीछा नहीं छोड़ती है

एक तरफ ताज़ी बाते भूलने लगती है

दूसरी तरफ पुरानी यादों की फाइल खुलने लगती है

ये भूलने की बिमारी

पड़ती है सब पर भारी

पर ये भूलने का रोग बड़ा अलबेला है

इसे हमने बुढ़ापे में ही नहीं ,जवानी में भी झेला है

मुझे याद है जब  हमें प्यार हुआ था

जिंदगी में पहली पहली बार हुआ था

हम तुम्हारे प्यार में इतना मशगूल हुए थे

यादो में खोये रहते,,खानापीना भूल गए थे

तुम्हे प्रेमपत्र लिख कर पोस्टबॉक्स में डाल आते थे

पर उस पर टिकिट लगाना भूल जाते थे

तुमने पहली नज़र में ,मेरा दिल चुरा लिया था

बदले में मैंने अपना दिल तुमको दिया था

और फिर हम दोनों प्यार में इस कदर खोगये थे

कि ताउम्र एक दुसरे के हो गए थे

और हमारे इश्क़ की भूल की ,

ये दास्ताँ इसलिए ख़ास है

कि आज भी मेरा दिल तुम्हारे पास और

तुम्हारा दिल मेरे पास है

एक दुसरे के दिल में धड़कता है

बिना मिले चैन नहीं पड़ता है

आजकल जवानी में भूलने का,

 एक और अंदाज नज़र आने लगा है

जो बुजुर्गों को सताने लगा है

जब माँ बाप बूढ़े और लाचार हो जाते है

जवान बच्चे उन्हें तिरस्कृत कर भुलाते है

वो ये भूल जाते है कि जवानी की इस भूल के

परिणाम उन्हें भी भुगतने पड़ेंगे

जब वो बूढ़े होंगे तो उनके बच्चे भी ,

उनकी और ध्यान नहीं देंगे

इसलिए भूल कर भी अपने बूढ़े माबाप को मत भूलना ,

वर्ना ये होगी आपके जीवन की सबसे बड़ी भूल  

उनके आशीर्वाद आपके लिए वरदान है ,

और चन्दन होती है उनके पांवों की धूल  

उस धूल को अपने सर पर चढ़ाओ

और सदा सुखी रहने का आशीर्वाद पाओ


मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

 


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