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शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

चाट का चटकारा

बड़ी नज़ाकत और नफासत से खाती जब कई हसीना
छोटे छोटे 'बाइट' लेकर ,बीच बीच में 'कोला ' पीना
चिड़िया सी मुंह खोल जरासा  ,बस थोड़ा सा ही है चखती
बिगडे नहीं  लिपस्टिक उनका ,इसका सदा ख्याल है रखती
इन्ही औरतों को देखोगे  अगर चाट के ठेले पर तुम
सभी नज़ाकत और नफासत पल भर में दिखती होती गुम
चौड़ी कर मुंह फाड़ निगलती ,बड़ी बड़ी वह पानीपूरी
ख्याल लिपस्टिक का ना रहता ,कोला पीना नहीं जरूरी
सी सी करती ,खट्टा मीठा और हींग   का  पानी भरवा
गोल गोलगप्पे गटकाती ,दर्शनीय तब इनका जलवा
और अंत में ,दोना भर कर ,पीती खट्टा मीठा पानी
गुम होता ' सोफस्टिफिकेशन ',चाट चाटती जब दीवानी
ना न करेगी ,चाहे कितना ,इन्हे गोलगप्पे  खिलवाओ
मन ना  भरता ,चाहे कितनी ,गप्पे तुम इनसे मरवाओ

घोटू 

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