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मंगलवार, 24 सितंबर 2019

पुण्य या ?

कुछ दाने धरती पर बिखरा ,थोड़ा सा पानी से सींचों ,
वो कई गुना बन जाएंगे ,लोगों की भूख मिटायेंगे
लेकिन बिखरा उन दानो को ,तुम कबूतरों को खिला रहे ,
जब माल मुफ्त का देखेंगे ,कर बीट  ,ढीठ चुग जाएंगे
तुम सोच रहे बिखरा दाने ,तुम कार्य पुण्य का करते हो ,
पर अगर ढंग  से सोचो तो ,कुछ पुण्य नहीं तुम कमा रहे
नित कार्यशील थे जो पंछी ,उड़ते तलाश में दाने की ,
बिन मेहनत खिला रहे उनको और उन्हें निकम्मा बना रहे

घोटू 

1 टिप्पणी:

  1. कपोत कनका खाए के बैसे जबहि मुँडेर |
    बीट संगत निपजावै पीपर बट के पेड़ || ११ ||

    भावार्थ : कपोत कनका खाकर जब मुंडेर पर विराजित होते हैं वहां तब वह अपने बीट से पीपल व् वट का वृक्ष उपजाते हैं ( इनके द्वारा खाने के पश्चात पीपल व् वट के बीज की एक विशेष प्रक्रिया होतीहै तत्पश्चात बीट से निष्कासित होने के पश्चात् ही यह उगते हैं ) इस हेतु पक्षियों में कपोत को सर्वश्रेष्ठ माना गया है |

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