एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 8 फ़रवरी 2016

आहट


घने कोहरे में बादलों की आहट
तैरती यादों को बरसा रही है
देखो महसूस करो
किसी अपने के होने को
तो आहटें संवाद करेंगी
फिर ये मौन टूटेगा ही
जब धरती भीग जायेगी
तब ये बारिश नहीं कहलायेगी
तब मुझे ये तुम्हारी आहटों की संरचना सी प्रतीत होगी
और मेरा मौन आहटों में
मुखरित हो जायेगा।

© दीप्ति शर्मा

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपने लिखा...
    कुछ लोगों ने ही पढ़ा...
    हम चाहते हैं कि इसे सभी पढ़ें...
    इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना दिनांक 09/02/2016 को पांच लिंकों का आनंद के
    अंक207 पर लिंक की गयी है.... आप भी आयेगा.... प्रस्तुति पर टिप्पणियों का इंतजार रहेगा।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर ।
    काफी दिनो बाद आपकी रचना आई ।

    जवाब देंहटाएं

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-