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रविवार, 21 फ़रवरी 2016

वकीलों का काला कोट

            वकीलों का काला कोट

मैंने पूछा वकीलों से ,पहने काला कोट  क्यों ,
         मुवक्किल की काली करतूतें छिपाने वास्ते
उल्टा सीधा पेंच कानूनी ,लगाकर हमेशा ,
          निकाला करते हो उसको  बचाने के रास्ते
तुमसे अच्छे डॉक्टर है ,श्वेत जिनके कोट है,
          मरीजों की करते सेवा,ठीक करते  रोग है
ऑपरेशन ,काटापीटी ,तन  की करते है मगर ,
          मर्ज को वो हटाते है ,कितने अच्छे लोग है
रंग काला कोट का यदि जो बदल लो तुम अगर ,
         मन में सेवा भाव से तुम करो रक्षा सत्य की
पुण्य का यह काम है ,तुम जरा करके देख लो ,
        सब करेंगे तारीफें ,उस परोपकारी कृत्य  की    
बात मेरी सुनी उनने ,हंस के ये उत्तर दिया ,
         सत्य कहते आप है ,हम चुस्त और चालाक है
भले ही हम पहनते है ,काला काला  कोट पर,
            शर्ट है उजली हमारी ,श्वेत है हम  पाक   है
हुस्न को बुरके में काले ,छुपा कर रखते हसीन ,
          वैसे ही व्यक्तित्व को हमने छुपा कर है रखा
 बुरी नज़रों से बचाता , काला टीका जिस तरह ,
           हमने अपनी सादगी को ,काले कपड़ों से ढका

मदन मोहन बाहेती'घोटू'         

1 टिप्पणी:

  1. सार्थक व प्रशंसनीय रचना...
    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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