जवानी पर चढ़ गयी है सर्दियां
रात की ठिठुरन से बचने, भूल सब शिकवे ,गिले
शाम ,डर कर,उलटे पैरों,दोपहर से जा मिले
ओढ़ ले कोहरे की चादर ,धूप ,तज अपनी अकड़
छटपटाये चमकने को ,सूर्य पीला जाये पड़
हवायें जब कंपकंपाये ,निकलना मुश्किल करे
चूमने को चाय प्याला ,बारहां जब दिल करे
जेब से ना हाथ निकले ,दिखाये कन्जूसियाँ
पास में बैठे रहे बस ,लगे मन भाने पिया
लिपट तन से जब रजाई ,दिखाये हमदर्दियाँ
तो समझ लो ,जवानी पर,चढ़ गयी है सर्दियाँ
घोटू
साइबर क्राइम का मुकाबला करें - 1930 डायल करें
-
Click ➡️ Shalini kaushik law classes ⬇️
* (साइबर क्राइम से लड़ें - 1930 डायल करें) *
आज साइबर क्राइम का ज़माना है. प्रतिदिन लगभग 6000 साइबर क्राइम केसेस ...
5 घंटे पहले