पते की बात
जेब
है अजब ये जिंदगानी ,जब थे हम पैदा हुए ,
पहले ,पहनी ,लंगोटी,उसमे न कोई जेब था
जिंदगी भर जेब भरने की कवायद में लगे,
मरे तो ओढा कफ़न, उसमे न कोई जेब था
घोटू
उम्र की दस्तक गुनगुना रही है राग मालकोस...
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मैंने तकलीफों को रिश्वत नहीं दी
कोई न्यौता भी नहीं दिया
उनकी जी हजूरी भी नहीं की
फिर भी बैठ गयी हैं आसन जमाकर
जैसे अपने घर के आँगन में
धूप में बैठी स्त...
11 घंटे पहले
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