भगवान और गूगल अर्थ
'फेसबुक 'की तरह होता खुदा का दीदार है,
मंदिरों में हमें दिखता ,देव का दरबार है
बजा कर मंदिर में घंटी,फोन करते है उसे ,
बात सबके दिल की सुनता ,वो बड़ा दिलदार है
मन्त्र से और श्लोक से हम ,'ट्विट ' करते है उसे ,
आरती 'यू ट्यूब 'से करता सदा स्वीकार है
भले 'गूगल अर्थ'बोलो या कि तुम 'याहू'कहो,
'अर्थ'ये उसने रची है, उसी का संसार है
घोटू
उम्र की दस्तक गुनगुना रही है राग मालकोस...
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मैंने तकलीफों को रिश्वत नहीं दी
कोई न्यौता भी नहीं दिया
उनकी जी हजूरी भी नहीं की
फिर भी बैठ गयी हैं आसन जमाकर
जैसे अपने घर के आँगन में
धूप में बैठी स्त...
10 घंटे पहले
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