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मंगलवार, 11 अगस्त 2015

पापी पेट के लिए

        पापी पेट के लिए
वो अच्छा खासा इंजीनियर ,
अच्छी नौकरी,ढेर सी कमाई
उमर भी तीस के करीब होने आयी
घर के बूढ़े,बड़े ,माँ बाप और दादी
पीछे लगे है करवाने को शादी
पर उसने साफ़ कर दिया इंकार
बोला जिस दिन दिल की घंटी बजेगी ,
हो जाएगा ,शादी को तैयार
अच्छे खाने पीने का शौक़ीन
कामं में रहता है इतना तल्लीन
इतना है कमाता
पर ठीक से खाना भी नहीं खा पाता
किसी ने पूछा दिनरात काम ही काम ,
बिलकुल नहीं आराम ,आखिर किसके लिये
उसने दिया उत्तर 'पापी पेट के लिए'
किस्मत से उसकी पोस्टिंग हो गयी विदेश
चौगुनी तनख्वाह,ऐश ही ऐश
माँ बाप से बात होती कभी
पूछ लिया करते ,घंटी बजी
वो ना कहता ,माँ बाप मजबूर थे
इतनी दूर थे
एक दिन उसने माँ को फोन किया ,
आप मेरे लिए लड़की ढूंढ सकती है
पर ऐसी जो पाकशास्त्र में प्रवीणता रखती है
मैं शादी कर लूँगा उसी के संग
क्योंकि बर्गर ,पीज़ा खाखा के आ गया हूँ तंग   
इतना कमाता हूँ
पर गरम गरम पूड़ी,और ,
पराठों के लिए तरस जाता हूँ
मम्मी  हंसी
बोली देर से ही सही ,तेरी घंटी तो बजी
घंटी ने बजने में कितने दिन लगा दिए
लड़के ने हंस कर,दिया उत्तर,
घंटी वंटी कुछ नहीं बजी ,
मैं तो शादी करना चाहता हूँ ,
पापी पेट के लिए

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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