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मंगलवार, 11 अगस्त 2015

फरक नहीं पड़ता

            फरक नहीं पड़ता

चाहे कितनी भी बदल  जाए वेषभूषाएं ,
               किसी इंसान में कोई फरक नहीं पड़ता
पहन ले 'मोनोलिसा' साडी या स्कर्ट कोई,
               उसकी मुस्कान में कोई फरक नहीं पड़ता
भले ही हो सितार ,सारंगी या इकतारा ,
               सुरों की तान में कोई फरक नहीं पड़ता
तबाही करना ही फितरत है,नाम कुछ भी दो,
               किसी तूफ़ान में कोई फरक  नहीं पड़ता
विरोधी दल का काम,धरना ,नारेबाजी है ,
                उनके इस काम मे कोई फरक नहीं पड़ता
पा के सत्ता भी नहीं बदलता है डी एन ऐ,
                 उनकी पहचान में कोई फरक नहीं पड़ता
  रूप  मोहताज नहीं ,साज सज्जा ,गहनो का  ,
                हुस्न की शान में कोई फरक नहीं पड़ता  ,
चाहे तुम राम कहो,गॉड कहो या अल्लाह ,
                मगर भगवान में कोई फरक नहीं पड़ता

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
               

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