निभाती साथ बीबी है
समय का चक्र ऐसा है,बदलता रहता है अक्सर ,
कभी जो बदनसीबी तो कभी फिर खुशनसीबी है
ये लक्ष्मी चंचला होती ,नहीं टिकती कहीं पर है,
छोड़ती साथ वो जब है ,तो छा जाती गरीबी है
डूबती नाव को सब छोड़ कर के भाग जाते है,
निभाते साथ ना जिनको ,समझते हम करीबी है
हरेक हालात में और उम्र के हर मोड़ पर हरदम
तुम्हारे संग रहती है ,निभाती साथ बीबी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
समय का चक्र ऐसा है,बदलता रहता है अक्सर ,
कभी जो बदनसीबी तो कभी फिर खुशनसीबी है
ये लक्ष्मी चंचला होती ,नहीं टिकती कहीं पर है,
छोड़ती साथ वो जब है ,तो छा जाती गरीबी है
डूबती नाव को सब छोड़ कर के भाग जाते है,
निभाते साथ ना जिनको ,समझते हम करीबी है
हरेक हालात में और उम्र के हर मोड़ पर हरदम
तुम्हारे संग रहती है ,निभाती साथ बीबी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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