पते की बात
जिव्हा
नहीं होती कोई हड्डी जीभ में ,
पर हिल कितने ही दिल तोड़ दिया करती है
वही जीभ जब तलुवे से मिल कहती 'सोरी',
टूटे हुए दिलों को जोड़ दिया करती है
घोटू
सलवट-सलवट चेहरा
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*झुर्री-झुर्री हाथ हुए हैं ,सलवट-सलवट चेहरा *
*खो ही गया वो नन्हा बच्चा,*
*बड़ा हुआ था पहन के जो *
*अरमानों का सेहरा *
*एक-एक कर कहाँ गये वो उम्र के ...
14 घंटे पहले
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