चमकना इतना नहीं चाहता ....................
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चमकना इतना नहीं चाहता कि चौंधिया जाओ तुम बस तमन्ना इतनी है कि धरती को छूता
रहूँ। यूं तलवार की धार पर चलता तो रोज ही हूँ मगर बनकर कोई पेड़ छाया किसी
को देत...
11 घंटे पहले
युगों युगों से देखा होते
जवाब देंहटाएंकरना डते हैं समझौते ।