पते की बात
अचरज
नहीं खबर है अगले पल की
पर डूबे , चिंता में,कल की
भाग दौड़ कर ,कमा रहे है
यूं ही जीवन ,गमा रहे है
जब कि पता ना,कल क्या होगा
इससे बढ़,अचरज क्या होगा
घोटू
सीता-सूर्पनखा और रावण-राम का भेद समझना होगा न्यायालयों को
-
एक आईटी फर्म में काम करने वाले और अपनी पत्नी से तलाक के मुकदमे से गुजर रहे
अतुल सुभाष ने दिसंबर में आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल
वा...
2 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।