पते की बात
रिश्ते-नाते
ऐसे होते है कुछ नाते
जैसे किसी घडी के कांटे
एक धुरी से बंध कर भी वो ,
बड़ी देर तक ,ना मिल पाते
जुड़े रहते जिंदगी भर
मगर मिलते सिर्फ पलभर
घोटू
अब
-
अब चीजें अब साफ़ हो गयीं अंधेरा छँटने लगा है पहचान रहा मन मंज़िल कोजो
भ्रमित करता रहा है पकड़ी है प्रकाश की डोरीजीवन जैसे एक किताब कोरी जिसमें
लिखा जाना ...
21 घंटे पहले
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