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बुधवार, 13 सितंबर 2023

 बोल्ड ब्यूटी  तीन चौके 


एक


नजर तिरछी डाल हम पर, हमको बोअर कर दिया 

जो खुला था ,बंद उनने ,दिल का डोअर कर दिया 

टेढ़े मेढ़े दांत दिखला, मुस्कुराए इस तरह,

टेस्ट मुंह का था जो मीठा, वह भी सोअर

 कर दिया 


दो 


था बदन फुटबॉल सा हम देख आउट हो गए 

बोल्ड ब्यूटी देख , बोअर, बिना डाउट हो गए 

 एचकतानी आंख थी और कान ऐसे लटकते ,

भिगोने से चाय में जैसे कि बिस्किट हो गए 


तीन


नाक थी उनकी निराली,नल की टोटी की तरह 

फेस था उनका जड़ाऊ ,जली रोटी की तरह 

चलते थे तो झूलती थी ,हाय उनकी चोटियां ,

सूखती जैसे हवा में ,हो लंगोटी की तरह


मदन मोहन बाहेती घोटू

गुरुवार, 7 सितंबर 2023

विनती परमेश्वर से 

विनती है तुझसे परमेश्वर 
मुझे बुलाए जब अपने घर 
मत देना व्याधि का संकट 
लेना मुझे बुला तू झटपट 
रुग्णालय में रहूं तड़पता,
 ऐसा बुरा नसीब ना देना 
मेरे कारण कभी किसी को,
होने कुछ तकलीफ न देना 

मोहजाल में फंसा हुआ मैं 
जल्दी से अब जाऊं निकलता 
आया था मैं रोता रोता 
लेकिन जाऊं हंसता हंसता 
बना रहे परिवारजनों में 
प्यार भाव पहले ही जैसा 
उन पर विपदा कोई ना आए 
सुख शांति से रहे हमेशा 
हो समृद्ध ,प्रफुल्लित जीवन ,
कभी किसी को टीस न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना 

जीवन भर सत्कर्म किए हैं 
नहीं दुखाया कोई का दिल 
बस इतनी तू कृपा बनाना,
जगह स्वर्ग में जाए मुझे मिल 
मेरी अर्धांगिनी पत्नी ने ,
ख्याल रखा है मेरा हर क्षण 
इसीलिए विनती है जब तक 
वह जिए बन रहे सुहागन 
परेशानियां कोई उसके 
आने कभी करीब न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना 

मन में गिला न शिकवा कोई 
नहीं किसी से रुष्ट रहूं मैं
जिऊं एक संपूर्ण जिंदगी 
और सदा संतुष्ट रहूं मैं
क्षणभंगुर जीवन में जब भी 
आए जुदाई का जब वह पल 
मुंह पर तेरा नाम बसा हो 
हो मुस्कान मेरे चेहरे पर 
कोई दुख को या पीड़ा को 
आने मेरे समीप न देना 
मेरे कारण कभी किसी को 
होने कुछ तकलीफ न देना

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 31 अगस्त 2023

भजन

मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना 
मेरे मुख हो तेरा नाम ,स्वर्ग में ले जाना
 मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना 
 
भक्ति भाव से मैं जीवन में 
डूबा रहा भजन कीर्तन में 
मैंने हर दिन सांझ सवेरे 
गायें हैं भगवन गुण तेरे 
किए दर्शन चारों धाम ,स्वर्ग में ले जाना 
मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

दुख ना दिया किसी को भगवन 
सत्कर्मों से जिया जीवन 
दीन दुखी की सेवा कर कर 
आशिशों से झोली भरकर 
नहीं किया बुरा कोई काम, स्वर्ग में ले जाना 
मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

 चौरासी योनी का चक्कर 
 मुझको मुक्त कराना ईश्वर 
 पार बेतरणी करवा देना 
 मुझको मोक्ष दिला तू देना 
 तुझे कोटि-कोटि प्रणाम, स्वर्ग में ले जाना 
 मुझे जब भी उठाना भगवान, स्वर्ग में ले जाना

मदन मोहन बाहेती घोटू 
करवा चौथ 

देखो प्यार की रीत निराली 
आई करवा चौथ है प्यारी 
यह है उत्सव अमर सुहाग का 
पति पत्नी के अनुराग का 

मेहंदी हाथों में रचाई 
नई चूड़ियां खनकाई 
पहने गोटे की चुनरिया 
गोरी फिर से बनी दुल्हनिया
किए पूरे सोलह सिंगार रे 
आज साजन लुटाएंगे प्यार रे

आई करवा चौथ है प्यारी
देखो प्रीत की रीत निराली 
यह है उत्सव अमर सुहाग का 
पति पत्नी के अनुराग का 

व्रत कर कुछ ना पिया खाया 
चंदा सा मुखड़ा मुरझाया 
चलनी से कर चंदा दरशन 
रात करवा पिलाएंगे साजन 
फिर लेगी थोड़ा सा आहार रे 
आज साजन लुटाएंगे प्यार रे

देखो प्यार की रीत निराली
आई करवा चौथ है प्यारी 
यह है उत्सव अमर सुहाग का 
पति पत्नी के अनुराग का

मदन मोहन बाहेती घोटू 
करवा चौथ 

देखो आई करवा चौथ,प्यार का पूजन रे 
गौरी व्रत रखे ,जिए सौ साल हमारे साजन रे 

गोरे गोरे हाथों में मेहंदी रचा के 
गोरे गोरे तन पर चुनर लहराके 
हाथों में खनकती चूड़ियां है खनखन होठों पर लाली है आंखों में अंजन 
करेपूरे सोलह श्रृंगार, बने फिर दुल्हन रे 
देखो आई करवा चौथ, प्यार का पूजन रे 
गोरी व्रत रखे ,जिए सौ साल हमारे साजन रे 

पिया हेतु व्रत करे,प्यार दिखलाए 
रहे भूखी दिन भर, कुछ भी न खाए 
रात करे छलनी से चंदा का दरशन 
करवे से अमृत पिलाते हैं साजन 
रहे अमर हजारों साल प्यार का बंधन रे
देखो आई करवा चौथ,प्यार का पूजन रे
 गोरी व्रत रखे ,जिए सौ साल हमारे साजन रे

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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