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गुरुवार, 25 मई 2023

सात जन्म का साथ

मुझको पंडित जी ने बोला ,जो करेगा दान तू अप्सराएं स्वर्ग में पाएगा संगत के लिए 

मौलवी ने भी बताया करेगा खैरात तो 
तुझे जन्नत में मिलेगी हूरें खिदमत के लिए 

स्वर्ग पहुंचा तो खड़ी थी बीबी स्वागत के लिऐ,
स्वर्ग में भी,फिर वही,अफसोस था इस बात का 
बोली मैंने भी किया था दान ,आई हूं यहां ,
सात जन्मों का मुझे तुम संग निभाना साथ था 

घोटू 
जीवन संध्या 

सर की खेती उजड़ गई है 
तन की चमड़ी सिकुड़ गई है 
मुंह में दांत हो गए हैं कम 
आंखों से दिखता है मध्यम
 सहमी सहमी चाल ढाल है 
 याददाश्त का बुरा हाल है 
 नींद आती है उचट उचट कर 
 सोते, करवट बदल-बदल कर 
 बीमारी का जोर हुआ है 
 पाचन भी कमजोर हुआ है 
 कांटे वक्त नहीं है कटता 
 बार-बार मन रहे उचटता 
 हाथ पांव में बचा नहीं दम 
 थोड़ी मेहनत कर थकते हम 
 बढ़ा हुआ रहता ब्लड प्रेशर 
 मीठा खा लो, बढ़ती शक्कर 
 चाट पकोड़े खाना वर्जित 
 खाओ दवाई ,पियो टॉनिक 
 खेल बुढ़ापे ने है खेला 
 आई जीवन संध्या बेला 
 किंतु बुलंद हौसले फिर भी 
 मस्ती से हम जीते फिर भी

मदन मोहन बाहेती घोटू 

शुक्रवार, 19 मई 2023


मेरी बीवी , मेरी डॉक्टर 

तेरी मीठी मीठी बातें ,
नहीं बढ़ाती मेरी शुगर 
तेरा थोड़ा प्यार दिखाना ,
कंट्रोल करता ब्लड प्रेशर 

तू हल्का सा प्यार दिखाती,
सर का दर्द, दूर हो जाता 
तू हल्का सा मुस्कुरा देती
सारा डिप्रेशन हट जाता 

प्यार भरी नजरों से जब तू 
मुझे देखती ,टेंशन गायब 
और लिपटती सीने से जब
 मुझको खुशियां मिल जाती सब 
 
 तेरे हाथ पकाए भोजन 
 में सब मिनरल और विटामिन 
 तेरे आगे घुटने टेकूं,
 दर्द नहीं होता कोई दिन 
 
 तेरे साथ चाय प्याली पी
 मिट जाती सारी थकान है 
 तुझे नमन कर ,कमर दर्द का 
 मेरे हो जाता निदान है 
 
 मेरी नब्ज,हाथ में तेरे 
 तू ही वैद्य है, तू ही डॉक्टर 
 मेरे दिल की हर धड़कन में 
 तेरा नाम लिखा है, दिलवर 
 
 मेरी सारी बीमारी का 
 तू इलाज करने में सक्षम 
 तेरे पीछे मेड हुए हम ,
 मैडम तुझमें है दम ही दम 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

बुधवार, 17 मई 2023

सुनिए सबकी ,करिए मन की

कुंजी यही सफल जीवन की 
सुनिए सबकी, करिए मन की 

परेशानियां हो या सुख दुख 
रायचंद आ जाते सन्मुख 
दे सलाह तुमको समझाते
जितने मुंह हैं,उतनी बातें 
सबके अपने अपने अनुभव 
पर लेना है तुमको निर्णय 
आगा पीछा सभी देख के
अपनी बुद्धि और विवेक से 
भला बुरा परिणाम सोच कर
 निर्णय लेना होगा श्रेयकर
 मन मस्तक में बना संतुलन 
 वही करो जो कहता है मन 
 सीमा में अपने साधन की 
 सुनिए सबकी ,करिए मन की 
 
हमने यह देखा है अक्सर 
असफल जो होते जीवन भर 
वह बन जाते सलाहकार हैं 
और उनमें हिम्मत अपार है 
मुफ्त सलाह बांटते रहते 
अपना समय काटते रहते 
उनके चक्कर में मत पड़ना
 ऐसे सलाहकार से बचना 
 वह जो कहते उनकी सुनिए 
 लेकिन सही रास्ता चुनिए 
 जो मन बोले ,माने मस्तक 
 निर्णय होगा वही सार्थक 
 कृपा दृष्टि होगी भगवन की 
 सुनिए सबकी ,करिए मन की

मदन मोहन बाहेती घोटू 
मां की ममता 

प्यार उमड़ता है आंखों से,वात्सल्य है ,अपनापन है 
मां, तू ममता की देवी है ,तुझ को सौ सौ बार नमन है 

तूने मुझे कोख में पाला, नौ महीने तक बोझ उठाया 
मैं जन्मा ,सीने से लिपटा, तूने अपना दूध पिलाया 
मेरे गालों की पुच्ची ली ,मेरे माथे को सहलाया 
तिल तिल मुझको बड़ा किया है ,पल पल अपना प्यार लुटाया
मैं यदि करता, गीला बिस्तर ,तू सूखे में मुझे सुलाती 
मुझे प्यार से चादर ओढ़ा, गीले में थी खुद सो जाती 
मीठे बोल सदा बोलूं मैं ,यही कामना लेकर मन में 
चांदी के सिक्के से लेकर ,माता शहद चटाई तूने 
जब मैं बोला ,सबसे पहले ,नाम लिया तेरा मां कह कर
मैंने आगे बढ़ना सीखा ,घुटने घुटने ,खिसक खिसक कर 
और फिर तूने उंगली थामी,मुझे सिखाया पग पग चलना 
तेरी गोदी का सुख देता, मेरा रोना और मचलना 
तूने अक्षर ज्ञान कराया ,मेरी उंगली पकड़ पकड़ कर 
इस दुनिया में कौन गुरु मां, हो सकता है तुझसे बढ़कर 
अपने हाथ ,दूध में रोटी चूर, निवाला देती थी तू 
मेरा रोना थम जाता था ,जब बाहों में लेती थी तू 
बुरी नजर से मुझे बचाती , माथ लगा काजल का टीका 
अच्छा क्या है और बुरा क्या, मां मैंने तुझसे ही सीखा 
मां ,तूने मुझ पर जीवन भर कितने ही एहसान किए हैं 
तूने अपनी आशिषों से ,मुझे सदा वरदान दिए हैं 
मैं जो कुछ भी आज बना हूं,वह तेरा लालन-पालन है 
मां ,तू ममता की देवी है ,तुझ को सौ सौ बार नमन है 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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