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बुधवार, 17 मई 2023

चिल बेबी चिल 

चिल होने से,टल जाती है,कितनी ही मुश्किल चिल बेबी चिल 
बात बात पर ,गर्मी खाना ,अच्छी बात नहीं है झगड़ा कर लेने का मतलब घूसे लात नहीं है 
अगर क्रोध थोड़ा सा पी लो, होती नहीं लड़ाई फिर से हाथ मिला लेने में, रहती सदा भलाई खटपट सारी हट जाती है ,मिल जाते हैं दिल 
चिल बेबी चिल 
चिल्डबियर या कोल्डड्रिंक की लज्जत होती प्यारी 
नहीं गरम पानी पीने से, मिटती प्यास हमारी
गुस्सा कर लेने से अक्सर ,बढ़ जाता ब्लड प्रेशर 
इसीलिए हर सिचुएशन में ,चिल रहना ही बेहतर 
दूर टेंशन ,मन में शांति, सबको जाती मिल 
 चिल बेबी चिल
 लड़ने पर आमादा कोई हो ,मत बात बढ़ाओ 
शांत रहो चुपचाप रहो तुम बस थोड़ा मुस्काओ  
तुम्हारी मुस्कान करेगी ऐसा असर निराला 
देखोगे कुछ पल में होगा, शांत सामने वाला शिकवे गिले दूर हो जाएंगे आपस में मिल 
 चिल बेबी चिल

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 11 मई 2023

कल की चिंता 

मुझे पता ना, कब जाऊंगा,
तुम्हें पता ना कब जाओगे 
सबके जाने का दिन तय है,
जब जाना है तब जाओगे 
कल जाने की चिंता में क्यों,
अपना आज बिगाड़ रहे हो 
हरी-भरी जीवन की बगिया 
को तुम व्यर्थ उजाड़ रहे हो 

लंबे जीवन की इच्छा में ,
कई सुखों से तुम हो वंचित 
यह मत खाओ ,वह मत खाओ
 कितने व्यंजन है प्रतिबंधित 
 कई दवाई की गोली तुम,
  नित्य गटकते,टानिक पीते 
  खुद को बांधा, अनुशासन में ,
  बहुत नियंत्रित जीवन जीते 
  इच्छा माफिक, कुछ ना करते ,
  अपने मन को मार रहे हो 
  कल जाने की चिंता में क्यों 
  अपना आज बिगाड़ रहे हो 
  
मौत सभी को ही आनी है 
कटु सत्य है यह जीवन का 
तो फिर जब तक जीवन जियें,
क्यों न करें हम अपने मन का 
हर एक बात में ,इससे ,उससे 
क्यों करते हैं हम समझौता 
खुद को तरसा तरसा जीते ,
यह भी कोई जीना होता 
हो स्वतंत्र तुम खुल कर जियो,
 क्या तुम सोच विचार रहे हो 
 कल जीने की चिंता में क्यों 
 अपना आज बिगाड़ रहे हो

मदन मोहन बाहेती घोटू 
प्यार की प्यास 

मोहता है मोहतरमा का अगर मुखड़ा कोई,
मन मुताबिक मोह में पड़कर मोहब्बत कीजिए

दिल किसी पर आगया तो दिल्लगी मत समझना,
उसको अपना दिल लगाकर बना दिलवर लीजिए
  
अगर प्यासा हो तुम्हारा मन किसी के प्यार का, 
बना करके यार उसको पियो पानी प्रेम का ,

उसको अपना बनाकर ,अपनाओ सारी जिंदगी, 
जान उसको जानेमन, तुम जान उस पर दीजिए

घोटू 

सोमवार, 8 मई 2023

छुट्टी ही छुट्टी 

बुढ़ापा ऐसा आया है ,
हो गई प्यार की छुट्टी 
रोज हीअब तो लगती है,
हमें इतवार की छुट्टी 

झगड़ते ना मियां बीवी,
बड़े ही प्यार से रहते ,
हुई इसरार की छुट्टी 
हुई इंकार की छुट्टी 

जरा सी मेहनत करते,
फूलने सांस लगती है ,
खतम अब हो गया दमखम,
 हुई अभिसार की छुट्टी 
 
जरा कमजोर है आंखे,
और धुंधला सा दिखता है ,
इसी कारण पड़ोसन के 
हुई दीदार की छुट्टी 

लगी पाबंदी मीठे पर 
और खट्टा भी वर्जित है 
जलेबी खा नहीं सकते 
हुई अचार की छुट्टी 

गए ऐसे बदल मौसम 
रिटायर हो गए हैं हम 
न दफ्तर रोज का जाना,
है कारोबार की छुट्टी 

बचा जितना भी है जीवन 
करें हम राम का स्मरण 
पता ना कब ,कहां ,किस दिन ,
मिले संसार की छुट्टी

मदन मोहन बाहेती घोटू 
यह मत सोचो कल क्या होगा 

यह मत सोचो कल क्या होगा 
जो भी होगा अच्छा होगा 

सोच सकारात्मक जो होगी 
तो बारिश होगी खुशियों की 
जो तुम खुद का ख्याल रखोगे 
गलत सलत यदि ना सोचोगे 
तब ही तो वह ऊपर वाला 
रख पाएगा ख्याल तुम्हारा 
और तन सेहतमंद रहेगा 
मन में भी आनंद रहेगा 
हंसी खुशी से रहो हमेशा 
जीवन जियो पहले जैसा 
सोचो हर दिन ,मैं हूं बेहतर 
प्यार लुटाओ सबपर,मिलकर 
प्यार पाओगे आत्म जनों का 
जो भी होगा ,अच्छा होगा 
यह मत सोचो ,कल क्या होगा

घोटू 

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