बदकिस्मती
मेरी बदकिस्मती की इंतहां अब और क्या होगी ,
कि जब भी 'केच' लपका ,'बाल' वो 'नो बाल 'ही निकली
ख़रीदे टिकिट कितने ही ,बड़ी आशा लगा कर के,
हमारी लॉटरी लेकिन ,नहीं एक बार ही निकली
हमेशा जिंदगी में एक ऐसा दौर आता है ,
हमे मालूम पड़ता जब कि क्या होती है बदहाली
सिखाता वो रहा हमको ,कि कैसे जीते मुश्किल में ,
और हम व्यर्थ में उसको ,यूं ही देते रहे गाली
घोटू
मेरी बदकिस्मती की इंतहां अब और क्या होगी ,
कि जब भी 'केच' लपका ,'बाल' वो 'नो बाल 'ही निकली
ख़रीदे टिकिट कितने ही ,बड़ी आशा लगा कर के,
हमारी लॉटरी लेकिन ,नहीं एक बार ही निकली
हमेशा जिंदगी में एक ऐसा दौर आता है ,
हमे मालूम पड़ता जब कि क्या होती है बदहाली
सिखाता वो रहा हमको ,कि कैसे जीते मुश्किल में ,
और हम व्यर्थ में उसको ,यूं ही देते रहे गाली
घोटू